Karnatka Election 2023: चुनाव आयोग ने अखबार के विज्ञापन पर भाजपा को नोटिस थमाया है. वहीं संप्रभुता वाले मामले को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के संबंध में कांग्रेस से भी जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने सोमवार को भाजपा को उसके अखबार के विज्ञापन में कांग्रेस के खिलाफ कथित रूप से निराधार दावे करने के लिए नोटिस जारी किया और मंगलवार रात 8 बजे तक इन दावों के समर्थन में "सत्यापन योग्य और पता लगाने योग्य" तथ्यों को बताने के लिए कहा है.
भाजपा का आरोप कांग्रेस कर्नाटक को भारत से अलग कर देगी
भाजपा के विज्ञापन में कांग्रेस पर यह आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस भारत से कर्नाटक को अलग करने की बात कह रही है. ऐसा करने के पीछे उसकी वोट बैंक की राजनीति करने की मंशा बताई गई थी. भाजपा का आरोप है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ मामले वापस ले लेगी. इसके अलावा "एक समुदाय" के पक्ष में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का जो कोटा है वह उसे भी समाप्त कर देगी और भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकायुक्त को निष्क्रिय कर देगी.
क्या कहा चुनाव आयोग ने भाजपा के विज्ञापन पर
चुनाव आयोग ने अखबार के विज्ञापन पर बीजेपी को नोटिस नोटिस जारी किया है. उक्त नोटिस के माध्यम से चुनाव आयोग ने भाजपा से यह पूछा है कि जिस विज्ञापन में कांग्रेस के खिलाफ विशिष्ट लेकिन अपुष्ट आरोप लगाए गए हैं, उसके बारे में कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष दावों के बारे में "सत्यापन योग्य और सच्चाई का पता लगाने योग्य" तथ्य चुनाव आयोग को प्रदान करें.
सोनिया गांधी की संप्रभुता वाली टिप्पणी पर कांग्रेस अध्यक्ष से मांगा जवाब
सोनिया गांधी की कर्नाटक संप्रभुता टिप्पणी पर विवाद के बीच, कांग्रेस ने सोमवार को भाजपा के आरोप को "फर्जी और झूठ" करार दिया और सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य के "स्वाभिमान" को बदनाम करने का आरोप लगाया है. भाजपा ने राज्य चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के लिए 'संप्रभुता' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई और उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. पार्टी ने उनके खिलाफ एफआईआर की भी मांग की है. इस संबंध में चुनाव आयोग ने खड़गे से स्पष्टीकरण मांगा है.