Karnataka Government Formation: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद कांग्रेस (Congress) में मुख्यमंत्री (CM) के नाम को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है. कद्दावर नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) सीएम पद के प्रमुख दावेदार हैं. सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार के पास ज्यादा विधायकों का समर्थन है. सूत्रों के अनुसार, डीके शिवकुमार खेमे में 68 विधायक हैं. सिद्धारमैया के पास 59 विधायकों का समर्थन है और आठ विधायक जी परमेश्वर के साथ हैं.
कांग्रेस के अंदरखाने चार फार्मूलों की चर्चा है. पहला सीएम की रेस में सिद्धारमैया अपनी लोकप्रियता और सामाजिक जनाधार की वजह से आगे हैं. उनके साथ अलग-अलग समाज से तीन डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं. वोक्कलिगा समाज से डीके शिवकुमार, लिंगायत समाज से एमबी पाटिल और दलित समाज से जी परमेश्वर संभावित नाम हैं. तीन उपमुख्यमंत्री बने तो डीके को सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलेगा. अगर केवल डीके उपमुख्यमंत्री बने तो कैबिनेट में एमबी पाटिल और जी परमेश्वर को अहम विभाग दिए जा सकते हैं.
क्या डीके शिवकुमार के नाम पर लगेगी मुहर?
दूसरा डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने बंपर जीत दर्ज की है, लेकिन उनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ 40% कमीशन भ्रष्टाचार का अभियान चलाया था. ऐसे में कांग्रेस किसी साफ छवि के नेता को सीएम बनाना चाहेगी. हालांकि डीके शिवकुमार का तर्क है कि उनपर दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित हैं.
जी परमेश्वर की लग सकती है लॉटरी
तीसरा अगर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण डीके शिवकुमार सीएम की रेस में पिछड़ जाते हैं और वो सिद्धारमैया के नाम पर वीटो कर देते हैं तो फिर जी परमेश्वर की लॉटरी लग सकती है. जी परमेश्वर और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल का फार्मूला लगाया जा सकता है. सबसे अहम यह है कि परमेश्वर खरगे की पसन्द भी बताए जाते हैं. चौथा कांग्रेस के करीब 37 विधायक लिंगायत समाज से हैं. ऐसे में लिंगायत नेता एमबी पाटिल भी छुपे रुस्तम साबित हो सकते हैं.
विधायक दल की बैठक में होगी चर्चा
आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक विधायकों की राय सुनेंगे और फिर आलाकमान को नेता यानी सीएम चुनने के लिए अधिकृत किया जाएगा. पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर कांग्रेस आलाकमान यानी पार्टी अध्यक्ष और गांधी परिवार मंथन कर सीएम तय करेगा.
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