(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Karnataka Election Result 2023: जीत के बाद बांटी 'नंदिनी' ब्रांड की मिठाई, कर्नाटक चुनाव में हुई थी दूध की लड़ाई
Karnataka Election Result: मल्लिकार्जुन खरगे ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार समेत अन्य नेताओं को नंदिनी ब्रांड की मिठाई खिलाई और कांग्रेस पार्टी की जीत को सेलिब्रेट किया.
Karnataka Election Result: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ प्रचंड जीत हासिल की है. कांग्रेस ने 10 साल बाद खुद के दम पर राज्य की सत्ता में वापसी की और बीजेपी को उसके कब्जे वाले एकलौते दक्षिणी राज्य से बाहर कर दिया. पार्टी की भव्य जीत के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं को 'नंदिनी' ब्रांड की मिठाई बांटकर जीत का जश्न मनाया.
इस बार के चुनाव में नंदिनी बनाम अमूल दूध का मुद्दा तेजी से उछला था. कर्नाटक की राजनीति में अमूल दूध की एंट्री से सियासी सरगर्मियां बढ़ गई थीं. इस विवाद को पर तमाम राजनेताओं ने अपनी-अपनी राय भी दी थी. आइए जानते हैं कि कैसे पनपा था दूध का मुद्दा.
खरगे ने बांटी 'नंदिनी' ब्रांड की मिठाई
बीजेपी को हटाकर राज्य की सत्ता में कांग्रेस के काबिज होने पर मल्लिकार्जुन खरगे ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार समेत अन्य नेताओं को नंदिनी ब्रांड की मिठाई खिलाई और पार्टी की जीत को सेलिब्रेट किया.
#WATCH | Congress national president Mallikarjun Kharge distributes 'Nandini' brand sweets to party leaders as the party celebrates its victory in the #KarnatakaPolls pic.twitter.com/DkQaPuL22q
— ANI (@ANI) May 13, 2023
कर्नाटक में कैसे पनपा था दूध का मुद्दा?
देश की सबसे बड़ी डेयरी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने 5 अप्रैल को कर्नाटक में अपने प्रोडक्ट उतारने की घोषणा की. जिसके बाद से राज्य में विवाद की चिंगारी लग गई थी. लोगों ने अपने लोकल ब्रांड नंदिनी को बचाने की मुहिम छेड़ दी और अमूल को बायकॉट करने के लिए सड़कों पर उतर आए. सोशल मीडिया पर 'सेव नंदिनी' और गो बैक अमूल जैसे स्लोगन ट्रेंड होने लगे थे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने प्रचार अभियान के दौरान इस चिंगारी को हवा दे दी.
30 दिसंबर को मांड्या जिले में उन्होंने 260 करोड़ रुपये की लागत से बनी एक डेयरी का उद्घाटन किया था. जिसको लेकर कहा गया था कि यह डेयरी प्रति दिन 10 लाख लीटर दूध उत्पन्न करेगी. जिसके बाद इस डेयरी की क्षमता को बढ़ाकर 14 लाख लीटर प्रतिदिन कर दिया जाएगा.
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा था कि अमूल और नंदिनी मिलकर कर्नाटक के हर गांव में प्राइमरी डेयरी स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे और 3 साल में कर्नाटक में एक भी ऐसा गांव नहीं होगा, जहां प्राइमरी डेयरी नहीं होगी. इसके बाद से बीजेपी पर आरोप लगा था कि वो अमूल के जरिए नंदिनी ब्रांड को खत्म करने की साजिश कर रही है.
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने किया था विरोध
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने राहुल गांधी के साथ राज्य के एक नंदिनी मिल्क पार्लर में आइसक्रीम खाई थी. उस दौरान इस मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि ऐसा कदम उठाकर बीजेपी सरकार ने किसानों की मदद करने की कोशिश नहीं की है. हमारा नंदिनी ब्रांड बेहतर है, हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं हैं. हम चाहते हैं कि हमारे अधिकार, हमारी जमीन, हमारी मिट्टी, हमारा पानी और हमारा दूध सुरक्षित रहे. मेरे किसानों को अच्छी कीमत मिलनी चाहिए. नंदिनी हमारी शान है और हमारे लोग उससे प्यार करते हैं.
सिद्दारमैया ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि वे (बीजेपी) कन्नड़ लोगों से जुड़ी सभी चीजों को बेच देंगे. हमारे बैंकों को बर्बाद करने के बाद अब वह हमारे नंदिनी ब्रांड को खत्म करना चाहते हैं. नंदिनी यहां के किसानों का ब्रांड है. देश में पहले नंबर पर अमूल ब्रांड है और दूसरे नंबर पर नंदिनी मिल्क ब्रांड है. नंदिनी ब्रांड के तहत व्यापार करने वाले केएमएफ की शुरुआत साल 1974 में हुई थी.