Karnataka Ban On Bajrang Dal: क्या बजरंग दल पर लगेगा प्रतिबंध? कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने दिया जवाब
Karnataka Election Results: कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि वह समुदायों के बीच 'दुश्मनी या नफरत' फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ 'दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई' करेगी.
Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से जीता है. इस बार राज्य की कमान कांग्रेस के हाथों में होगी. पार्टी ने 224 में से 137 सीटों पर जीत दर्ज की है. इन सबके बीच सवाल उठता है कि क्या सरकार में आने के बाद कांग्रेस 'बजरंग दल' पर प्रतिबंध लगाएगी? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दारमैया ने इंडिया टुडे को इस सवाल का जवाब दिया है. दरअसल, चुनाव से पहले जारी घोषणा पत्र में पार्टी ने बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर कार्रवाई करने का वादा किया था. जिसके बाद से बजरंग दल को लेकर राज्य में घमासान मच गया था. बीजेपी ने इसको मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था.
बजरंग दल पर बैन को लेकर सिद्दारमैया का जवाब
क्या कांग्रेस सत्ता में आने के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएगी? इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर सिद्दारमैया ने कहा कि 'आपने घोषणा पत्र नहीं पढ़ा, हमने कहा है कि सभी नफरत फैलाने वाले राजनीतिक समूहों पर कार्रवाई की जाएगी. चाहे धर्म कोई भी हो'.
क्या था कांग्रेस का घोषणा पत्र?
चुनाव से पहले जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर निर्णायक कार्रवाई करने का वादा किया था. कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि वह समुदायों के बीच 'दुश्मनी या नफरत' फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ 'दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई' करेगी. कुछ रिपोर्ट्स में निर्णायक कार्रवाई की जगह 'प्रतिबंध' बताया गया. जिसके बाद से राज्य जमकर बवाल मचा था.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
बीजेपी ने इसको मुद्दा बनाकर कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया था. राज्य में एक चुनावी रैली में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अतीत में उन्होंने (कांग्रेस) भगवान श्री राम को ताले में बंद किया था. उनको उनसे समस्या थी. अब वे उन लोगों को ताले में बंद करना चाहते हैं, जो बजरंगबली का नाम लेते हैं.
कांग्रेस ने कही थी ये बात
इस मामले पर जवाब देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि 'भगवान हनुमान के करोड़ों भक्तों से प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए. वो हमारी रक्षा करते हैं और आप बजरंग दल की तुलना बजरंगबली से करके उनका अपमान कर रहे हैं. हमारे धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाने की कोई सीमा होती है.
उधर, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी इस पर सफाई दी थी. कर्नाटक के उडुपी में उन्होंने कहा था कि हमने अपने घोषणापत्र में पीएफआई और बजरंग दल दोनों का उल्लेख किया है. हमने नहीं कहा कि हम बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे. हमने कहा कि पीएफआई, बजरंग दल जैसे संगठन समाज की शांति भंग करते हैं. नफरती राजनीति पर सुप्रीम कोर्ट का रुख बहुत साफ है. इसी के मद्देनजर हमने घोषणापत्र में इसका जिक्र किया था. लेकिन हमारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.'
वहीं, सिद्दारमैया ने भी अब इन्हीं बातों को दोहराते हुए बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर अपना पक्ष साफ-साफ सामने रखा है.