Karnataka Election Results 2023: दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आज (13 मई को) आ रहे हैं. इस बार कर्नाटक में विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी (Congress) की सरकार बननी तय है. वहां अब तक की काउंटिंग में कांग्रेस ने अकेले ही बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. कांग्रेस के कई प्रत्याशियों ने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को 1 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है.


कनकपुरा में डीके शिवकुमार की जीत


कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार (INC) ने कनकपुरा (रामनगर) सीट से चुनाव लड़ा. यहां उन्होंने बीजेपी के आर अशोक और जेडीएस के नागराजू को पटखनी दे दी. इलेक्शन कमीशन से मिली जानकारी के मुताबिक, डीके शिवकुमार 122,392 वोटों से जीते हैं. शनिवार की दोपहर करीब 3 बजे उन्होंने कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद अपना प्रमाण पत्र लिया.


इसी के साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को सूबे का नया सीएम बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी. उनके समर्थकों का कहना है कि पार्टी को उन्हें कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. हालांकि, इस पद के लिए पार्टी में कई चेहरे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जता रहे हैं.








मैसूर की वरुणा सीट पर जीते सिद्धारमैया 


कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (INC) ने भी चुनाव में भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. उन्हें 1 लाख से ज्यादा वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 46,163 वोटों से हराया. सिद्धारमैया के सामने बीजेपी के वी सोमन्ना और जेडीएस के भारती शंकर थे . अब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डी के शिवकुमार की जीत की तुलना की जाए तो सिद्धारमैया को डीके की तुलना में ज्यादा वोट मिले हैं.


सिद्धारमैया की जीत पर उनके बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा है कि मेरे पिता को बड़ी जीत मिली है. अब मैं चाहता हूं कि वे कर्नाटक के फिर से मुख्यमंत्री बनें. यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि मैं एक नागरिक के रूप में भी मैं ये चाहता हूं कि वो सीएम बने क्योंकि पार्टी की इस जीत में उनका बहुत बड़ा योगदान है.


अब किसे बनाया जाएगा मुख्यमंत्री?


किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इस सवाल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान भी आया है. खरगे ने अभी कहा कि यहां (कर्नाटक) के विधायकों की बैठक होगी, जहां (मुख्यमंत्री के नाम पर) सभी की जो सहमति बनेगी उसे हाईकमान के सामने रखा जाएगा. फिर हाईकमान ही इस पर अंतिम फैसला लेगा.


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