Karnataka Election Result: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने बाजी मार ली है. राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. रुझानों में कांग्रेस 136 सीटों के साथ बहुमत से काफी आगे निकल गई है. वहीं, बीजेपी के लिए कर्नाटक के नतीजे बुरे कहे जा सकते हैं. भाजपा इस बार सरकार बनाने की रेस से बाहर हो गई है. बीजेपी के खाते में महज 65 सीटें आई हैं. छह महीने के अंदर बीजेपी को लगातार दूसरी बार बड़ा झटका लगा है.
वहीं कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित हुआ है. गौरतलब है कि कांग्रेस को हाल के कई चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक चुनाव पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकते हैं. कर्नाटक की जनता ने इस चुनाव में भी पिछले 35 साल के रिवाज को कायम रखा है. यहां 1985 के बाद हर बार सरकार बदल जाती है.
भाजपा में हुई अंदरूनी कलह
इस चुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में अंदरूनी कलह की स्थिति पैदा हुई, जिसका फायदा कांग्रेस ने जमकर उठाया. इसके साथ ही बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद विवाद की स्थिति पैदा हुई. पार्टी के अंदर ही गुटबाजी देखने को मिली. दूसरी तरफ कांग्रेस ने बागियों को अपने पाले में लाने का काम किया, जो चुनावी परिणाम में देखने को मिला.
भ्रष्टाचार का मुद्दा
कर्नाटक चुनाव में भ्रष्टाचार के एक बड़ा मुद्दा रहा. कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया. पार्टी ने बोम्मई सरकार को 40 परसेंट की सरकार और पे सीएम का नाम दिया. जनता तक इस बात को कांग्रेस ने पहुंचाने का काम किया. इसका फायदा इस चुनाव में देखने को मिला.
चुनाव में बजरंग बली का खूब जिक्र हुआ
कर्नाटक चुनाव में बजरंग बली का खूब जिक्र हुआ. बीजेपी ने ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन की बात करके मुस्लिम वोटों को अपने पाले में कर लिया. वहीं, बीजेपी ने राज्य में मुस्लिमों को दिया जा रहा 4 फीसदी आरक्षण खत्म कर लिंगायत व वोक्कालिगा समुदाय को बराबर हिस्सों में बांटकर देने का वादा किया था. इसका बीजेपी को कोई फायदा नहीं मिला.
हिमाचल के बाद कर्नाटक के परिणाम कांग्रेस कार्यकर्तओं में जान फूंकने का काम करेंगे. ऐसे में कांग्रेस का प्रदर्शन आगामी चुनाव में बेहतर हो सकता है इस बात के आसार दिख रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले छह महीने के अंदर ये कांग्रेस की दूसरी बड़ी जीत है.