Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में अगले महीने 10 मई को विधानसभा चुनाव होना है, राज्य की सतारूढ़ बीजेपी अब तक 224 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने 124 उम्मीदवारों की सूची दो पालियों में जारी कर दी है. जिसमें भगवा पार्टी ने 58 नए चेहरे पर दांव लगाते हुए चुनावी मैदान में उतारा है. इसके बाद सीट बंटवारे से नाराज पार्टी के विधायकों में टिकट न मिलने से नाराजगी बढ़ गई है. 


टिकट बंटबारे को लेकर विद्रोह झेल रही बीजेपी ने कर्नाटक के कृष्ण कहे जाने वाले बीएस येदियुरप्पा को एकजुट करने का जिम्मा सौंपा है. कहा जाता है कि पूर्व सीएम का बगावती नेताओं से अच्छे संबंध है, जिसके चलते पार्टी आलाकमान ने उन्हें विद्रोह शांत करने को कहा है. भारी विद्रोह के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी बुधवार को कहा कि आलाकमान और वह खुद वरिष्ठ नेताओं से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इसे सुलझा लिया जाएगा."


बीजेपी को झोलना पड़ रहा विद्रोह 
कर्नाटक में बीजेपी को अपने नेताओं से भावनात्मक रूप से आरोपित विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी भी शामिल हैं, जिन्होंने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और छह बार के विधायक ने चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हुए कहा कि ईमानदारी का कोई मूल्य नहीं है. उडुपी के मौजूदा विधायक ने मीडिया के सामने यह कहते हुए सिसकियां लीं कि चीजों को कैसे संभाला जाता है, पार्टी में शालीनता की कमी है.वहीं पार्टी ने तीन बार के विधायक कुमारस्वामी के स्थान पर दीपक डोड्डैया को मुडिगेरे से अपना उम्मीदवार बनाया है.


कुमारस्वामी ने टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि की वजह से मुदिगेरे सीट से उनका टिकट काट दिया गया. जिसके बाद बताया जा रहा है कि  कुमारस्वामी जेडी(एस) में शामिल हो सकते है या निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. 


बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक नेहरू ओलेकर ने भी  विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद गुरुवार को पार्टी छोड़ दी. अनुसुचित समुदाय के दो बार के 65 वर्षीय विधायक ने टिकट ना मिलने का आरोप सीएम बोंम्मई पर लगाया है.ओलेकर ने बोम्मई पर कुछ दिनो पहने ही ड्रिप सिंचाई परियोजना के तहत घुस लेने की बात कही थी. जिसपर सीएम ने कहा था कि उन्हे आरोप लगाने दें, उन्हें सबूत के साथ आना चाहिए और लगाये गए आरोप को सही साबित करने के लिए देने दें.


10 सीटों पर उठाना पड़ सकता है नुकसान
बीजेपी पार्टी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अबतक बहुमत के आंकड़े को पार नही कर पाई है, हालांकि पिछले बार के चुनाव में यह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. ऐसे में करीब 30 सीटों पर बगावत का सामना कर रही बीजेपी के लिए लगभग 10 सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं टिकट को लेकर नाराज चल रहे बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, पूर्व उप मुख्यमंत्रियों के एस ईश्वरप्पा और लक्ष्मण सावदी, पूर्व मत्स्य और बंदरगाह मंत्री एस अंगारा और उडुपी से तीन बार के विधायक रघुपति भट के नाराज होने के बाद बीजेपी आलाकमान ने येदियूरप्पा से इन्हें समझाने को कहा है. वहीं एनआर रमेश को टिकट ना देने के बाद करीब 1,200 से अधिक उनके समर्थकों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.


हुबली धारवाड़ सेंट्रल के विधायक पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने बुधवार को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से टिकट ना मिलने को लेकर मुलाकात की. यह स्पष्ट करते हुए कि वह मैदान से नहीं हटेंगे, शेट्टार ने कहा,“मैंने अपना विचार व्यक्त किया (कि) मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं. मैं लगातार छह बार निर्वाचित हुआ हूं, मुझे एक और मौका दिया जाना चाहिए.जिसपर  नड्डा ने कहा कि वह अन्य नेताओं के साथ चर्चा करने जा रहे हैं और एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. सूत्रों से पता चला है कि पार्टी पूर्व सीएम को मैदान में उतारेगी, जो लिंगायत समुदाय से हैं. वहीं येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में कहा, "निन्यानबे प्रतिशत, शेट्टार को टिकट मिलेगा."कर्नाटक में विधानसभा का चुनाव आगामी 10 मई को होगा जबकी नतीजे 13 तारिख को आएंगे.


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