Mallikarjun Kharge: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है. राजनीतिक दलों में गहमागहमी जारी है. राज्य में प्रचार अभियान भी तेजी पर है. इसी बीच टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहम जानकारियां दी हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को हर हाल में 150 सीटें जीतनी होंगी, नहीं तो बीजेपी हमें तोड़ देगी. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास स्थानीय कार्ड खेलने का विकल्प था, क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उसी राज्य से हैं. इससे पहले गुजरात चुनाव में बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के स्थानीय जुड़ाव का इस्तेमाल किया था.


आइए विस्तार से जानते है कि इंटरव्यू में खरगे ने क्या कहा है?


यहां पढ़िए TOI को दिए इंटरव्यू के कुछ अंश


सवाल- कर्नाटक में ऐसे समय चुनाव हो रहे हैं जब आप एआईसीसी अध्यक्ष चुने गए हैं, राज्य इकाई इस पर क्यों नहीं खेल रही है?
जवाब- मैं व्यक्तित्वों का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने में विश्वास नहीं करता, क्योंकि यह चाटुकारिता की ओर ले जाता है. जैसा कि आम्बेडकर ने कहा था, राजनीति में भक्ति या नायक-पूजा का अंततः तानाशाही में पतन होना तय है. मैं सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करता हूं. साथ ही कुछ लोग इसे खरगे बनाम मोदी के रूप में पेश करना चाहते हैं. यह गलत है. मैं मोदी के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं. मैं उस विचारधारा के खिलाफ लड़ रहा हूं जिसका वह समर्थन करते हैं. यह चुनाव और अगले साल का संसदीय चुनाव विचारधाराओं का टकराव होगा.


सवाल- आपके कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से क्या राज्य एक अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री के संभावित अवसर से चूक गया है?
जवाब- मुझे अनुसूचित जाति का नेता कहना अनुचित है. मेरी ग्रोथ मेरी योग्यता के कारण है. मुझे आरक्षण के माध्यम से एआईसीसी अध्यक्ष पद नहीं मिला. सीएम या पीएम बनने पर मैंने कई बार स्पष्ट किया है कि यह हाईकमान पर निर्भर करता है, जो नवनिर्वाचित विधायक या संसदीय दल की राय के आधार पर फैसला करेगा. वर्तमान में हम कर्नाटक में चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर संसदीय चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष दलों का गठबंधन बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.


सवाल- सबकी निगाहें आप पर हैं और उम्मीद है कि आप पीएम पद के प्रत्याशी के रूप में उभरेंगे? इन दिनों राहुल गांधी भी राजनीति में कम सक्रिय हैं?
जवाब- मैं सत्ता के लिए लालायित और निराश राजनीतिज्ञ नहीं हूं. मेरे लिए अब बहुत हो गया है और अपने 52 साल के राजनीतिक करियर में कई जिम्मेदारियां संभाल चुका हूं. राहुल निष्क्रिय खिलाड़ी नहीं रहे हैं. उनकी भारत जोड़ो यात्रा पूरे भारत में जबरदस्त सफल रही. केंद्र की बीजेपी सरकार उन्हें सिर्फ इसलिए परेशान कर रही है, क्योंकि वह गौतम अडानी की सरकार से नापाक साठगांठ और अवैध धन की बात करते हैं.


सवाल- आपके सहयोगी सीएम पद को लेकर आपस में उलझते नजर आ रहे हैं? क्या इससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं को नुकसान नहीं होगा?
जवाब- मैंने हाल की कोलार रैली में इस बारे में स्पष्ट बयान दिया था. मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई विवाद है. प्रदेश इकाई एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है. हमने किसी को सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया है. हम सामूहिक नेतृत्व में ये चुनाव लड़ रहे हैं.


सवाल- क्या इसलिए पार्टी ने सिद्धारमैया को दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी?
जवाब- सिद्धारमैया वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में आसानी से जीतेंगे. पार्टी को पूरे राज्य में उनकी उपस्थिति की जरूरत है और हम उन्हें दो निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं.


सवाल- क्या है कांग्रेस की संभावना?
जवाब- वोटर सेंटिमेंट हमारे पक्ष में है, क्योंकि हम राज्य सरकार के भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं. सिविल ठेकेदारों की तरफ से पीएम को 40% रिश्वत के बारे में लिखे जाने के बाद भी मोदी और शाह भ्रष्टाचार के बारे में चुप हैं. कांग्रेस बहुमत के लिए तैयार है, लेकिन हम बड़े अंतर से जीतने की कोशिश कर रहे हैं. हमें कम से कम 150 सीटें जीतनी चाहिए. इससे कम कुछ भी ऑपरेशन लोटस के लिए रिस्क है. बीजेपी हमारी पार्टी को तोड़ देगी, जैसा उन्होंने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया. उनके पास पैसा और पुलिस दोनों हैं.


सवाल- अगर जगदीश शेट्टार जैसे सीनियर्स जीत गए तो आप उनका क्या करेंगे?
जवाब- बीजेपी की स्थापना के बाद से उनकी वरिष्ठता और सेवा की परवाह नहीं की गई, पार्टी में उन्हें अपमानित किया गया था. इसलिए शेट्टार ने पद छोड़ दिया. कांग्रेस में उनका सम्मान किया जाएगा.


सवाल- राज्य के पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर सरकार बनती है तो पार्टी बीजेपी की आरक्षण नीति को खत्म कर देगी?
जवाब- अगर हमारे पदाधिकारियों ने कुछ वादा किया है, तो वे अपनी बात रखेंगे. इन मुद्दों का राज्य स्तर पर निस्तारण किया जाएगा.


बता दें कि कर्नाटक में एक चरण में 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को परिणाम जारी किए जाएंगे.


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