Karnataka Elections 2023: कर्नाटक के चुनावी रण में उतरेंगी सोनिया गांधी, हुबली में होगी पहली रैली
Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में चुनाव प्रचार अंतिम दौर में चल रहा है. 8 मई को ये अभियान खत्म हो जाएगा, उससे पहले सोनिया गांधी हुबली में कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगी.
Sonia Gandhi Rally In Hubbali: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव की तैयारियां जोरों शोरों से चल रहा है. 13 मई को आने वाले नतीजों को अपने हक में लाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के सभी टॉप लीडर्स अपनी-अपनी पार्टियों का जमकर प्रचार कर रहे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राज्य पहली बार प्रचार अभियान शुरू करने वाली हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सोनिया गांधी 6 मई को अपने अभियान की शुरुआत करेंगी. इस दौरान वो हुबली जिले में एक रैली को संबोधित करेंगी. वो लंबे अरसे बाद किसी चुनाव प्रचार में नजर आने वाली हैं. वहीं, उसके अगले दिन यानि 7 मई को राहुल गांधी बेगलुरू में एक रोड शो करने वाले हैं. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बेंगलुरू में ही उनकी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी.
कांग्रेस के लिए हुबली महत्वपूर्ण
विधानसभा चुनाव में सिर्फ 7 दिनों का समय बचा हुआ है और 8 मई को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन होगा. ऐसे में कांग्रेस भी वोटर्स को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. वहीं, हुबली क्षेत्र की बात की जाए तो ये क्षेत्र पार्टी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. शेट्टार लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और इनका इलाके में प्रभाव भी है. अगर इस क्षेत्र में सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करेंगी तो पार्टी को फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है.
Congress parliamentary party chairperson Sonia Gandhi to debut in the campaign for #KarnatakaElections2023 on 6th May. She will be addressing a rally in Hubbali district that day: Sources pic.twitter.com/WirWeQMVL5
— ANI (@ANI) May 3, 2023
कांग्रेस के घोषणा पत्र पर छिड़ा घमासान
वहीं, हाल ही में कांग्रेस ने 2 मई को घोषणा पत्र जारी किया था जिसमें दावा किया गया कि सत्ता में आने के बाद पीएफआई और बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. ऐसे में बीजेपी नेता हमलावर हो गए हैं. फिलहाल ये मुद्दा राज्य में गरमाया हुआ है. साल 2018 में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार तो बना ली थी लेकिन बागी विधायकों की वजह से बीजेपी ने वापसी कर ली थी.
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