KBM Chunavi Yatra: उत्तर प्रदेश का रायबरेली जिला वो जिला हैं जिसे 1858 में अंग्रेजो ने बनाया था. यह उत्तर भारत के पहले कुछ ज़िलों में से एक है. तबसे लेकर अब तक उन्नीसवीं सदी से लेकर 21 वीं सदी तक इस ज़िले ने कई उतर चढ़ाव देखे हैं. भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी लोकसभा की पहली जीत और पहली हार दोनों ही इसी जिले से चखी थी.
वही दूसरी ओर कांग्रेस का परचम इस ज़िले से लगातार लहराता रहा हैं. फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और 2004 से सोनिया गांधी इसी लोकसभा सीट से अपनी विजय हासिल करती रही हैं. केंद्र सरकार के कई सारे उम्दा उतकरो से इस ज़िले को बहुत लाभ और फायदा रहा हैं. लेकिन हाल ही में कांग्रेस के विधायकों की संख्या सिर्फ कागजो पर ही रह गयी है. तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या रायबरेली जिला क्या अभी हैं कांग्रेस का किला है?
रायबरेली की लोकसभा सीट ने अधिकतर समय पर कांग्रेस को ही अपना प्रतिनिधि बना कर सांसद तक भेजा हैं. साल 2004 से लेकर अभी तक सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं. ऐसे में एस इलाके को कई सरे सरकरी फायदे भी मिले हैं. जैसे की आधुनिक कोच फैक्ट्री, इस फैक्ट्री का शिलान्याश साल 2008 में किया गया था लेकिन उस समय तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की भी भिड़ंत हो गयी थी क्योंकि राज्य में सरकार मायावती की थी.
पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में 2013 तक का लगा समय
हालांकि उस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में 2013 तक का समय लगा और उसी वर्ष यह कारखाना पूरी तरह से चालू हो गया. यूपीए के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई इस कारखाने के नियम के अनुसार यहां 5000 लोगो को 1000 कोच बनाने के लिए रखा जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आज भी यहाँ पर कर्मचारियों की संख्या करीब 2200 हैं लेकिन प्रोडक्शन दुगना हो चूका हैं. जिसमे कई सारे निजी कर्मचारी को भी रखा गया हैं. इसके चलते लोगो को शिकायत भी हैं तो लोग खुश भी हैं. इस मिली जुली प्रक्रिया को लोगों से जानने की कोशिश की गई है.
भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष आदर्श सिंह बघेल ने बताया की अबतक 2158 कोच बनवाने हैं और हमलोग अबतक 700 के करीब कोच बना चुके हैं. हमारे यहां यह कारखाना 2008 में लगा था तब हमें 5000 कर्मचारी पर 1000 कोच बनाने थे. अब यहाँ पर केवल 2200 कर्मचारी हैं. पहले के मुताबिक अब हमलोग चारगुना ज्यादा उत्पादन दे रहे हैं ,लेकिन काम करते वक्त भारत सरकार के तरफ से जो इसे निगमीकरण की सुचना मिलती हैं वो हमे दुखी करती हैं.
कारखाने से किसानों को मिली नौकरी
उन्होंने कहा कि यह कारखाना उस समय के रेलमंत्री थे लालू जी, सोनिया गाँधी और रामपुरकलां के अशोक सिंह जी के प्रयासों से लगी थी. तब यह केवल किसानों की एक बंजर जमीन थी. यहां कारखाना लगाया गया, किसानो को नौकरी दी गयी . इस कारखाने से उन्हें रोजगार मिल रहा हैं. बघेल ने कहा कि इस कारखाने से कई लोगों को राजगार दिए हैं. इसके कारण ही हमारे राज्य से पलायन रुक गए हैं.
बता दें कि रायबरेली में भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई, मॉडर्न कोच फैक्ट्री(MCF) ने मोज़ाम्बिक को निर्यात किए जाने वाले ट्रेन के डिब्बों की अपनी पहली रेक शुरू की है. यह पहली बार है जब एमसीएफ राइट्स के माध्यम से मोजाम्बिक को ट्रेन के डिब्बों का निर्यात कर रहा है.
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