सोनिया गांधी ने लिया फैसला, बनारस से नहीं लड़ेंगी प्रियंका गांधी, जानें इसके पीछे की वजह
कांग्रेस पार्टी के सामने बड़ी समस्या ये थी कि सोनिया गांधी चुनाव प्रचार नहीं कर रही और प्रियंका पूर्वी यूपी की महासचिव प्रभारी हैं लेकिन प्रियंका पूरी यूपी में प्रचार में जुटी हैं क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना चुनाव लड़ने मध्यप्रदेश चले गए हैं.
नई दिल्लीः अमेठी में प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार कर रही थीं और वर्कर मीटिंग में प्रियंका गांधी ने पूछा कि बनारस से चुनाव लड़ जाऊं तो कैसा रहेगा? तभी से प्रियंका बनाम मोदी की चर्चा शुरू हो गयी और कयास लगने लगे कि प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री मोदी को बनारस में टक्कर देंगी.
कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं से भी राय ली गई लेकिन ज़्यादातर सीनियर लोगों का कहना था कि 'कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुनाव हारने के लिए नहीं लड़ सकता', वही राहुल गांधी ने कांग्रेस ने नेता और पूर्व राष्ट्रपति को फोन करके उनकी राय पूछी तो उन्होंने भी यही कहा 'Gandhi’s cannot fight elections to loose'.
दरअसल राहुल गांधी चाहते थे कि वो मोदी को कड़ी टक्कर दें जैसा राहुल हाल में ही पांच राज्यों के चुनाव में कुछ कड़े फ़ैसले लिए थे. शिवराज सिंह चौहान के सामने अरूण यादव को लड़वाया, वसुंधरा राजे सिंधिया के सामने मानवेद्र सिंह को टिकट दिया, रमन सिंह के सामने करूण वाजपेयी को चुनाव लड़ने को कहा, वही हरियाणा के जींद बाई इलेक्शन में अपने क़रीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को भेज दिया.
लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस पार्टी के सामने थी कि सोनिया गांधी चुनाव प्रचार नहीं कर रही और प्रियंका पूर्वी यूपी की महासचिव प्रभारी हैं लेकिन प्रियंका पूरी यूपी में प्रचार में जुटी हैं क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना चुनाव लड़ने मध्यप्रदेश चले गए हैं. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि ऐसे में अगर प्रियंका गांधी को एक सीट तक सीमित कर देते तो बाकी सीटों पर प्रचार कौन करता.
वही राहुल गांधी दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और पूरे देश में प्रचार करने में व्यस्त हैं जिसके चलते अमेठी की ज़िम्मेदारी भी प्रियंका के ऊपर है. प्रियंका गांधी के नज़दीकी नेता के मुताबिक़, तीसरे चरण का मतदान पूरा हो चुका है जिसमें 300 सीटें पर वोटिंग हो चुकी है और चौथे चरण के मतदान में महज़ तीन दिन बचे है और चौथे चरण के मतदान के बाद 371 सीटों पर मतदान हो जाएगा ऐसे में जो मैसेज प्रियंका गांधी के लड़ने से जाना चाहिए था वो मकसद भी पार्टी का पूरा नहीं होता.
वही पार्टी के कुछ दूसरे नेताओं का मानना था कि 2014 में मोदी लहर थी, तब जाकर प्रधानमत्री अपने अरविंद केजरीवाल से 3,71,784 वोटों के अंतर से जीते थे. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे तो वहीं, दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले थे. कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे और बसप के प्रत्याशी विजय प्रकाश जायसवाल 60,579 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे थे. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया 45,291 मतों के साथ पांचवें स्थान पर रहे.
गठबंधन में बनारस सीट अखिलेश यादव के हिस्से में है कांग्रेस ये भी कोशिश कर रही थी कि प्रियंका को मैदान में उतारा जाए तो लड़ाई सिर्फ़ मोदी बनाम प्रियंका हो. लेकिन आख़िर में गांधी परिवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बात सुनी और प्रियंका गांधी को बनारस से टिकट नहीं दिया. या यूं कहे की कांग्रेस ने अपने तुरूप के इक्के की चाल नहीं चली.
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