नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद कांग्रेस पार्टी तैयारियों में जुट गई है. कांग्रेस लोकसभा का चुनावी बिगुल पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात से फूंकने जा रही है. अहमदाबाद में आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक है. 58 साल बाद कांग्रेस गुजरात में कार्यसमिति की बैठक कर रही है. ऐसे में इस बैठक के मायने समझे जा सकते हैं. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के दिग्गज नेता शामिल होंगे.


सभी की निगाहें प्रियंका गांधी पर लगी हैं
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह गांधीनगर में जन संकल्प रैली में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में सबकी निगाहें नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी पर लगी हैं. पहले कहा जा रहा था कि प्रियंका गांधी भी इस रैली को संबोधित कर सकती हैं. लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि उनका भाषण नहीं होगा.


रोड शो के दौरान भी नहीं हुआ भाषण
प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने का एलान 23 जनवरी 2019 को हुआ और उन्हें पूर्वी यूपी का प्रभार दिया गया. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मैदान में उतार कर मास्टर स्ट्रोक चल दिया. सक्रिय राजनीति में एंट्री के बाद प्रियंका गांधी ने भाई राहुल के साथ 11 फरवरी को लखनऊ में बड़ा रोड शो किया. कहा जा रहा था कि रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी का भाषण हो सकता है, लेकिन प्रियंका नहीं बोलीं, रोड शो के बाद भी सिर्फ राहुल गांधी ने भाषण दिया.


ट्विटर: दो लाख से पार हुए फॉलोअर लेकिन एक भी ट्वीट नहीं
11 फरवरी को ही प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर वेरीफाइड अकाउंट के साथ एंट्री मारी. देते ही देखते प्रियंका गांधी के ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़ने लगी. प्रियंका गांधी के इस वक्त 2 लाख 31 हजार है. लेकिन हैरानी की बात है कि प्रियंका गांधी ने अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है. प्रियंका ट्विटर पर कुल सात लोगों फॉलो कर रही हैं, जिनमें राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अहमद पटेल, कांग्रेस, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल हैं.


पुलवामा हमला: रद्द हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस, प्रियंका को नहीं सुन पाए लोग
14 फरवरी को प्रियंका गांधी को लखनऊ में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करना था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर बात करनी थी. लेकिन इस दुर्भाग्यवश पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हमला हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस वजह से प्रियंका गांधी ने दो मिनट के मौन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी. इस बार भी लोग प्रियंका गांधी को नहीं सुनपाए.


प्रियंका गांधी की खामोशी की वजह क्या है?
जानकारों की मानें तो प्रियंका गांधी राजनीति में आ तो गईँ हैं लेकिन सही से लॉन्च नहीं हो पाईं हैं. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी अगर एक मंच से बोलते हैं तो पूरी लाइमटाइम प्रियंका गांधी को मिलेगी. दोनों अगर एक ही जगह से या एक ही दिन अलग अलग जगह से भाषण देते हैं को मीडिया की तरजीह भी राहुल गांधी से हटकर प्रियंका गांधी पर शिफ्ट हो जाएगी. इसलिए कांग्रेस नहीं चाहती है कि भाई-बहन के बीच इस तरह की स्थिति का निर्माण हो.


लोगों को दिखती है इंदिरा की छवि, तेजी बच्चन से सीखी हिंदी
प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी-नेहरू परिवार से हैं, फिरोज़ गांधी और इंदिरा गांधी की पोती हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनियां गांधी की बेटी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन हैं. इस चुनाव से पहले प्रियंका पर्दे के पीछे रहकर काम करती रहीं और महत्वपूर्ण रणनीतियां बनाती हैं. प्रियंका गांधी ने हिंदी अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन से सीखी.


गरीब और महिलाओं के बीच खासकर प्रियंका गांधी जाती हैं और पार्टी पर उनको भरोसा दिलाती हैं. 2012 में प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी में विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रचार किया था. प्रियंका गांधी ने रॉबर्ट वाड्रा से 1997 में शादी की थी. कुछ चुनावी रैलियों में वाड्रा भी प्रियंका के साथ नजर आ चुके हैं.