झारखंड चुनाव: महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की 30 साल पुरानी दोस्ती की टूट के जख्म अभी हरे ही थे कि बीजेपी को एक और गहरा घाव झारखंड में मिला है. झारखंड में विधानसभा चुनाव के बीच कल आजसू ने और आज एलजेपी ने सूबे में गठबंधन से नाता तोड़ लिया है. एलजेपी ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया है. 


एनडीए में महाराष्ट्र से शुरू हुआ दरार जैसे ही झारखंड तक पहुंचा, सियासी गलियारों में इसे बीजेपी के लिए बुरी खबर माना गया है. झारखंड में बीजेपी की सहयोगियों में फूट पड़ गई है. मन मुताबिक मांगी गई सीटें न मिलने से पहले आजसू प्रमुख सुदेश ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला, तो अब लोजपा ने भी बिना बीजेपी के चुनाव में जाने का एलान कर दिया है. केंद्र सरकार में भागीदार लोकजनशक्ति पार्टी सूबे में एनडीए का हिस्सा नहीं होगी. पार्टी ने अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पार्टी ने राज्य विधानसभा की 81 में से 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी भी कर ली है .


एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि आज शाम तक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी.


आजसू लोजपा से दो कदम आगे





वहीं, आजसू ने भी बीजेपी को बगावती तेवर दिखाया है. सहयोगी बीजेपी से बात किए बिना ही आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने 12 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया था. पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो को सिल्ली से उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि 2014 के चुनाव में सुदेश महतो ये सीट हार गये थे. आजसू ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के खिलाफ भी चक्रधरपुर से रामलाल मुंडा पर दांव लगाया है. बता दें कि झारखंड में पांच चरणों में चुनाव होने वाला है.


81 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को, दूसरे चरण का 7 दिसंबर को, तीसरे चरण में 12 दिसंबर को वोट पड़ेंगे. जबकि चौथे चरण की वोटिंग 16 दिसंबर को औऱ 20 दिसंबर को पांचवें चरण का मतदान होगा. वोटों की गिनती 23 दिसंबर को होगी. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी को खत्म हो रहा है.