नई दिल्ली: देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बलों के साथ 20 लाख से अधिक राज्य पुलिस अधिकारी और होम गार्ड तैनात किए गए थे. इसे 80 के दौर में भारत के मशहूर 'ऑपरेशन ब्रासटैक्स' से बड़ा जमावड़ा कहा जा रहा है. 'ऑपरेशन ब्रासटैक्स' द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से किसी नाटो अभ्यास से बड़ा अभ्यास था. 'ऑपरेशन ब्रासटैक्स' राजस्थान में भारतीय सेना का बड़ा सैन्य अभ्यास था. यह 1986 में शुरू हुआ था और 1987 में जाकर खत्म हुआ.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ''प्रभावी तौर पर पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों के करीब 20 लाख सैनिक चुनाव में शामिल रहे. दुनिया में कहीं भी इतने बड़े पैमाने पर लामबंदी दुर्लभ है. यहां तक कि भारत का प्रसिद्ध सैन्य अभ्यास 'ऑपरेशन ब्रासटैक्स' द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से किसी भी नाटो अभ्यास से बड़ा था जिसमें करीब छह से आठ लाख सैनिक शामिल थे.''
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2019 में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती भारत में अब तक की सबसे बड़ी तैनाती थी. मौजूदा संसदीय चुनाव के लिए गृह मंत्रालय ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अर्द्धसैन्य बलों की 3,000 टुकड़ियां भेजी जिनमें 3,00,000 से अधिक कर्मी थे. सुरक्षा बलों की तैनाती से सीधे तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह संख्या राज्य सशस्त्र पुलिस, भारतीय रिजर्व बटालियनों और होम गार्ड के अतिरिक्त है जो कुल मिलाकर करीब 20 लाख हो सकती है.
सुरक्षाबलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा गया
अधिकारी ने बताया कि चुनाव के चरणों के खत्म होने पर सुरक्षाबलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा गया. चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए गए अर्द्धसैन्य बलों की अहम ड्यूटी में लोगों के बीच बिना किसी डर के वोट डालने के लिए विश्वास और सुरक्षा का माहौल पैदा करना शामिल है. इसके अलावा कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना, चुनावी हिंसा रोकना और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा करना शामिल हैं.
भारत के निर्वाचन आयोग ने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए एक आकलन तैयार किया. मंत्रालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न बलों की सीमा की रक्षा करने, आतंकवाद रोधी अभियानों और अन्य प्रतिबद्धताओं में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए तैनाती की योजना तैयार की. इसके अलावा रेल मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों के रूप में अहम सहयोग किया. रक्षा मंत्रालय ने दूर दराज के इलाकों में बलों की गतिविधि के लिए हवाई सहयोग मुहैया कराया.
मतगणना 23 मई को होगी
गृह मंत्रालय ने चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान अर्द्धसैन्य बलों की अंतर राज्यीय गतिविधि का निरीक्षण करने के लिए एक संयोजक नियुक्त किया. लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई को खत्म हुआ. मतगणना 23 मई को होगी.
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