दिल्ली: सीट बंटवारे पर AAP-कांग्रेस में बातचीत शुरू, सीटों को लेकर फंसा पेंच
'आप' बीजेपी को हराने और मोदी सरकार को बदलने की आवश्यकता का हवाला देकर कांग्रेस से गठजोड़ करना चाहती है. इस गठबंधन के पीछे का गणित यह है कि दोनों दलों ने मिलकर बीजेपी के मुकाबले अधिक मत हासिल किए थे.
नई दिल्ली: कांग्रेस और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में सीटों के बंटवारे पर चर्चा करने के लिए वार्ता शुरू कर दी है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलों को उस समय और बल मिल गया जब आप के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के साथ बुधवार शाम बैठक की.
दोनों दलों के सूत्रों ने दावा किया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने कांग्रेस को दो सीटें देने का प्रस्ताव रखा है जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों- नई दिल्ली, चांदनी चौक और पूर्वोत्तर दिल्ली की मांग की है. एक सूत्र ने कहा, ''दोनों नेताओं ने सीटों के बंटवारे पर चर्चा की और आप ने कांग्रेस को दो सीटें देने का प्रस्ताव रखा.'' सूत्र ने बताया कि चाको 'आप' के इस प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत कराएंगे जो आगामी कुछ दिनों में इस मामले पर अंतिम निर्णय लेंगे.
इस गठबंधन के पीछे का गणित यह है कि दोनों दलों ने मिलकर बीजेपी के मुकाबले अधिक मत हासिल किए थे. बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सभी सात सीटों पर विजयी पताका फहराई थी.
'आप' बीजेपी को हराने और मोदी सरकार को बदलने की आवश्यकता का हवाला देकर कांग्रेस से गठजोड़ करना चाहती है. हालांकि इस मामले पर दिल्ली कांग्रेस के भीतर मतभेद है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित, उनके तीन कार्यकारी अध्यक्ष और कुछ अन्य पार्टी नेता 'आप' के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं.
शीला ने इस मामले पर राहुल गांधी से दो बार बात की है और अपना संदेश उन तक पहुंचा दिया है. उन्होंने राहुल गांधी से पिछले महीने बैठक के बाद दावा किया था कि पार्टी में 'आप' के साथ गठबंधन के खिलाफ सर्वसम्मति है.
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