VIP Candidate: बीजेपी के गढ़ जयपुर में कांग्रेस की चुनौती, 'महारानी' ज्योति खंडेलवाल पर पार्टी ने जताया भरोसा
विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से ज्योति खंडेलवाल कांग्रेस से नाराज हो गई थी. उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा था.
जयपुरः लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी पूरी तकत के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गढ़ माने जाने वाले जयपुर सीट से कांग्रेस ने राजघराने की उम्मीदवार 'महारानी' ज्योति खंडेलवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. करीब 48 साल बाद यहां से किसी राष्ट्रीय पार्टी ने महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है.
टिकट मिलने के बाद ज्योति खंडेलवाल ने कहा, ''ये बहुत बड़ी बात है कि 48 साल बाद किसी महिला को इस सीट से मौका मिला है. लेकिन मुझे ये भी लगता है कि ये जीत मेरी अकेले नहीं होगी. ये जीत बहुत सारी महिलाओं की बेटियों को आगे बढ़ने के लिए रास्ता खोलने वाली जीत होगी.''
कौन हैं मौजूदा सासंद
बता दें कि इस सीट से रामचरण बोहरा मौजूदा सांसद हैं. पिछली बार उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के उम्मीदवार महेश जोशी को 5 लाख वोटों से हराया था. इस लोकसभा सीट पर करीब 20 लाख वोटर हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान ज्योति खंडेलवाल जयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया था. टिकट न मिलने से नाराज ज्योति खंडेलवाल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
खंडेलवाल ने राहुल को भेजा था पत्र
टिकट न मिलने के बाद ज्योति खंडेलवाल ने राहुल गांधी को एक पत्र भी लिखा था. अपने इस पत्र में खंडेलवाल ने उन सभी बिंदुओं को उजागर किया था और कहा था कि मैं चुनाव लड़ने के सभी मानदंडों को पूरा करता हूं लेकिन पार्टी आलाकमान ने मुझे नजरअंदाज कर दिया. हालांकि, पांच महीने बाद ही पार्टी ने इन्हें लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया.
अगर खंडेलवाल इस चुनाव में रामचरण बोहरा को पटखनी देते हुए जीत हासिल कर लेते हैं तो गायत्री देवी के बाद इस सीट पर चुनाव जीतने वाली पहली महिला बन जाएंगी. गायत्री देवी जयपुर राजघराने महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय की पत्नी हैं.
गायत्री देवी ने कब तक किया प्रतिनिधित्व
गायत्री देवी ने साल 1962 से 1977 तक जयपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया. साल 1962 में उन्होंने जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. गायत्री देवी के बाद किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने इस सीट से महिला को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया.
जयपुर सीट पर कांग्रेस पिछले 30 साल में एक बार चुनाव जीत पाई है. साल 2009 में महेश जोशी ने यहां से सफलता हासिल की थी. ''जयपुर की बेटी, जयपुर की बहु'' नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस उम्मीदवार इस सीट पर बीजेपी को टक्कर दे रही है. यह लोकसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है.
जयपुर सीट में कितने विधानसभा सीट?
जयपुर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा की सीटे हैं. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां की पांच सीटों पर जीत दर्ज की है. इस कारण मुकाबला काफी रोचक दिख रहा है. खुद ज्योति खंडेलवाल भी जयपुर की मेयर रह चूकी हैं.
खंडेलवाल का नारा, 'जयपुर की बेटी, जयपुर की बहु'
खंडेलवाल ने कहा, मेरा भाग्य है कि मैं मेयर रहते हुए आप सभी की सेवा की. मैं हमेशा जयपुर की बेटी, जयपुर की बहु बनकर काम करुंगी. मुझे यहां की जनता ने काफी प्यार और इज्जत दिया. यही कारण है कि मैंने आपके लिए लड़ा. इस समय मुझे आपकी जरूरत है. आपके वोट की जरूरत है जिससे की मैं मजबूत बन सकूं. मेरी मजबूती ही आपकी मजबूती है.''
इस सीट से बीजपी ने रामचरण बोहरा को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह अपने प्रचार में पीएम मोदी का हाथ मजबूत करने की बात कर रहे हैं. बोहरा देश को मजबूत करने के लिए वोट की मांग कर रहे हैं. वह राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों से वोट देने की अपील कर रहे हैं.
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