नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के बीच गठबंधन और सीटों का एलान हो चुका है. आधिकारिक एलान खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में किया. उन्होंने कहा कि सूबे की 80 सीटों में से समाजवादी पार्टी 38 और बीएसपी 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.


इस गठबंधन ने कांग्रेस को भले ही जगह नहीं दी हो लेकिन अमेठी और रायबरली की दो सीटें उसके लिए जरूर छोड़ी है. अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं. एसपी-बीएसपी गठबंधन ने अन्य छोटे दलों के लिए दो सीटें छोड़ी है. छोटे दलों में पीस पार्टी, निषाद पार्टी या आरएलडी हो सकती है.


 


गठबंधन के एलान के लिए अखिलेश और मायावती ने लखनऊ के होटल ताज में प्रेस कांफ्रेंस किया. मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि इस संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से ‘गुरु-चेले’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ जाएगी.


कांग्रेस को क्यों नहीं शामिल किया गया?
मायावती ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के बारे में कहा कि उनके शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई. कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की कार्यशैली एक जैसी है. बोफोर्स में कांग्रेस की सरकार गई, अब राफेल में बीजेपी की जाएगी.


आपको बता दें कि गठबंधन में जगह नहीं मिलने पर कांग्रेस इसे खतरनाक गलती बता चुकी है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एसपी-बीएसपी का नाम लिए बगैर कल कहा था, ''मैं नहीं समझता कि कोई भी कांग्रेस की व्यापक क्षमता, विरासत, इतिहास और पहचान की उपेक्षा कर सकता है. अगर कोई उपेक्षा करने की भूल करता है तो मुझे लगता है कि बहुत बड़ा राजनीतिक खतरा मोल ले रहा है. हमारी उपेक्षा करना खतरनाक भूल होगी.''


कांग्रेस की तैयारी
एसपी-बीएसपी गठबंधन में जगह नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदेश में जोरदार चुनावी अभियान करने जा रहे हैं. राहुल गांधी फरवरी में उत्तर प्रदेश में 10 जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं. यूपी के नेताओं को रैली का खाका तैयार करने को कहा गया है. इस संबंध में कल बैठक हुई. आज दिल्ली में बैठक बुलाई गई है.


गठबंधन और सर्वे
एबीपी न्यूज़ के हालिया सर्वे पर गौर करें तो एसपी-बीएसपी गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में 50 सीटें जीत सकती है. वहीं एनडीए के खाते में 28 सीटें जा सकती है. कांग्रेस पिछली बार की तरह की मात्र दो सीटों पर सिमट सकती है. यूपी में एनडीए में बीजेपी, अपना दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल है. हालांकि बीजेपी की दोनों पार्टियां भी नाराज है.


2014 के लोकसभा चुनाव में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस तीनों पार्टियां अलग-अलग होकर चुनाव लड़ी थी. मोदी लहर ने समाजवादी पार्टी मात्र पांच और कांग्रेस दो सीट जीत पायी थी. मायावती की बीएसपी तो खाता खोलने में भी नाकामयाब रही. इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 22 सीटों पर जीत हासिल की थी.