नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हो गया है और अब 23 मई को आने वाले नतीजों का इंतजार सबको है. ऐसे में आपके ज़हन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर वोटों की गिनती होती कैसे है. कौन वोटों की गिनती करता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है. आज हम आपको काउंटिंग से संबंधित सारी जानकारी देने जा रहे हैं.


सबसे पहले वोटिंग खत्म होते ही सील बंद ईवीएम को काउंटिंग सेंटर लाया जाता है, जहां उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है. स्ट्रॉन्ग रूम की पहरेदारी यानि सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तीन स्तरीय होती है, लेकिन मुख्य सुरक्षा केंद्रीय बलों के जिम्मे होती है. ज्यादातर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली हर असेंबली क्षेत्र के लिए वोटों की गिनती एक जगह होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है.


कैसे होती है वोटों की गिनती ? जानिए 15 प्वाइंट्स में


1- सबसे पहले सुबह 7 से 8 बजे तक काउंटिंग सेंटर के भीतर काउंटिंग एजेंट को इंट्री दी जाती है.


2-सुबह 8 बजे काउंटिंग की शुरुआत होती है.


3-इलेक्शन ऑफिसर सबसे पहले डाक से आए मतों को चेक करते हैं. उसके बाद उसे पोस्टल बैलेट टेबल पर भेज देते हैं.


4-करीब आधे घंटे के बाद ईवीएम से वोटों की गिनती शुरू होती है.


5-सबसे पहले स्ट्रॉंग रुम से ईवीएम को काउंटिंग टेबल पर लाया जाता है.


6-काउंटिंग के लिए 14 काउंटिंग टेबल बनाए जाते हैं


7-एक बार में ज्यादा से ज्यादा 14 ईवीएम की गिनती की जाती है.


8- काउंटिंग सुपरवाइज़र काउंटिंग एजेंट्स की मदद से गिनती की शुरुआत करते हैं.


9-काउंटिंग सुपरवाइज़र सबसे पहले ईवीएम पर लगे सील्स की जांच करते हैं और तय करते हैं कि मशीन से छेड़छाड़ तो नहीं की गई है.


10-काउंटिंग सुपरवाइज़र काउंटिंग एजेंट को बताते हैं कि कैसे ईवीएम बटन दबाते हैं, जिसके बाद हर कैंडिडेट्स के वोटों की संख्या दिख जाती है. जैसे चुनाव अधिकारी रिजल्ट बटन को दबाता है, हर उम्मीवार को पड़े वोट की संख्या आ जाती है.


11- काउंटिंग स्टाफ हर उम्मीवार को पड़े वोट की संख्या लिखकर उसे रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देता है.


12-जैसे ही एक राउंड की काउंटिग पूरी होती है काउंटिंग स्टाफ सारी जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को दे देते हैं जिसके बाद पहले राउंड के नतीजों का ऐलान किया जाता है.


13- खास बात यह है कि ईवीएम की काउंटिंग का आखिरी राउंड डाक मतों की गिनती पूरी हो जाने के बाद ही किया जाता है.


14- हर राउंड की गितनी के नतीजे की जानकारी चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को को दी जाती है. इनका दफ्तर ही ये जानकारी चुनाव के सर्वर में फीड करता है.


15- काउंटिंग की यह प्रक्रिया चलती रहती है जब तक काउंटिंग पूरी नहीं हो जाती.


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