नई दिल्ली: गुजरात के गांधीनगर सीट से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर रहे हैं. वह बतौर उम्मीदवार अपना नामांकन 30 मार्च को भरेंगे. बता दें कि गांधीनगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का संसदीय क्षेत्र रहा है. इस बार के चुनाव में आडवाणी को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.


माना जाता है कि आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं की गांधीनगर सीट से लगातार जीत में अमित शाह का बड़ा हाथ रहा है. पार्टी के लोगों का कहना है कि अमित शाह ने इस सीट पर बीजेपी को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की है. ऐसे में अगर अमित शाह गांधीनगर से जीत जाते हैं तो पार्टी के कद्दावर नेताओं में उनका नाम शामिल हो जाएगा. गांधीनगर बीजेपी का अभेद किला रहा है. 1996 में अमित शाह इस सीट पर बतौर संयोजक काम करते थे.


क्यों है गांधीनगर की सीट महत्वपूर्ण


1989 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है. तब पार्टी के कद्दावर नेता शंकर सिंह बघेला यहां से जीते थे. 1991 के आम चुनाव में यहां से लाल कृष्ण आडवाणी ने पहली बार जीत दर्ज की. इसके बाद यहां से आडवाणी ने 6 बार जीत हासिल की. 1991 के चुनाव को याद करते हुए दिग्गज नेता शंकर सिंह वघेला कहते हैं कि उस वक्त गांधीनगर से मैं सांसद था. आडवाणी को चुनाव लड़ने के लिए एक सेफ सीट की जरूरत थी. तब मैंने उनके लिए यह सीट छोड़ दी थी. मैं गोधरा से चुनाव लड़ा और आडवाणी गांधीनगर से लड़े थे.


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