हैदराबाद: चुनाव आयोग की ओर से हिंसा को देखते हुए पश्चिम बंगाल में तय समय से 20 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस तरह के निर्णय चुनाव आयोग को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए भी लेना चाहिए.


ओवैसी ने ट्वीट किया, ''केवल पश्चिम बंगाल ही क्यों, प्राकृतिक न्याय और समान अवसर के सिद्धांत की मांग है कि पूरे सातवें चरण के लिए ऐसा होना चाहिए, पश्चिम बंगाल ही क्यों, पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं.'' वैसे उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अपनी इस मांग का कोई कारण नहीं बताया.

बुधवार को कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के नौ संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रचार शुक्रवार की जगह बृहस्पतिवार को ही रात दस बजे खत्म करने का एलान किया है.

गौरतलब है कि मंगलवार को अमित शाह के रोड शो के दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा हुई थी. इस हिंसा में समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी गई थी. मूर्ति तोड़ने को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

क्या प्रधानमंत्री की रैलियों के चलते पश्चिम बंगाल में आज ही प्रचार नहीं रोका गया- कांग्रेस 

300 सीटों के पार जाने का दावा कैसे कर रहे हैं मोदी ? क्या प. बंगाल में हुई हिंसा से बीजेपी को फायदा होगा ?