नई दिल्ली: हरदोई से बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. अंशुल वर्मा ने सामाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और नेता आजम खान की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की. अंशुल वर्मा टिकट कटने के बाद से ही बगावती तेवर में नजर आ रहे थे. सांसद ने बीजेपी के कैंपेन ''मैं भी चौकीदार'' पर तंज कसते हुए बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में तैनात चौकीदार को अपना इस्तीफा सौंपा था. हरदोई से अंशुल वर्मा का टिकट काटकर जय प्रकाश रावत को उम्मीदवार बनाया गया है.


अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल हुए वर्मा ने कहा, 'मैं सपा में बिना शर्त शामिल हुआ हूं. टिकट नहीं दिये जाने के पीछे शायद मेरी गलती यह थी कि मैंने पासी समुदाय के एक सम्मेलन के दौरान मंदिर परिसर में शराब बांटने के खिलाफ आवाज उठायी थी.'

उन्होंने कहा, 'मुझे उस पर दु:ख हुआ था और मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में पत्र भी लिखा था.'

वर्मा ने कहा कि उनकी गलती ये भी हो सकती है कि उन्होंने अपने नाम के पहले 'चौकीदार' शब्द नहीं जोड़ा.

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अंशुल वर्मा ने अखिलेश यादव और आजम खान के साथ प्रेस कांफ्रेस में आकर पार्टी ज्वाइन करने का एलान किया. अंशुल वर्मा ने कहा कि पार्टी के एक प्रवक्ता टीवी पर कहते हैं कि उनका टिकट नहीं कटा है जिन्होंने काम किया है. जिससे मैं आहत हूं.


बीजेपी ऑफिस के चौकीदार को अपना इस्तीफा सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'आजकल सबसे जिम्मेदार तो चौकीदार ही है, तो मैंने सोचा क्यों ना उसे ही अपना इस्तीफा दे दिया जाए. धनकुबेर चौकीदार को इस्तीफा देने का कोई मतलब ही नहीं था.


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बुधवार को लखनऊ स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय इस्तीफा देने पहुंचे अंशुल ने कहा, 'हम अंशुल थे अंशुल ही रहेंगे, खुद को चौकीदार नहीं कहेंगे.