लखनऊ: ‘कांग्रेस मुक्त भारत‘ का नारा देने वाली भाजपा की खास नजर आसन्न लोकसभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट छीनकर कांग्रेस की नब्ज पर चोट करने पर लगी है, मगर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अक्सर मौजूदगी के बावजूद नेहरू-गांधी परिवार के इस गढ़ में भगवा दल की राह आसान नजर नहीं आती.


भाजपा जहां पिछले 15 साल से सांसद राहुल पर अमेठी के विकास पर ध्यान ना देने का आरोप लगाकर उनकी नाकामियां गिना रही है, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने पिछले पांच साल में अमेठी को कुछ देने के बजाय विकास परियोजनाएं वापस लेकर उससे काफी कुछ छीना ही है.


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भाजपा की कोशिश है कि अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को हराकर इस पार्टी को सबसे बड़ी चोट दी जाए.


अमेठी लोकसभा क्षेत्र के भाजपा संयोजक राजेश अग्रहरि ने कहा ‘‘राहुल जी को पिछली बार 15 दिन की तैयारी में ही भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर दी थी. इस बार तो स्मृति ने पांच साल काम किया है. अमेठी के लोगों का जीवन आसान हुआ है. दूसरी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोई भी सत्ता विरोधी लहर में घेर नहीं पा रहा है.’’


उन्होंने कहा ‘‘मोदी सरकार की उपलब्धियों और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी के लगातार काम और 41 दौरों के बलबूते हम जनता के बीच जा रहे हैं. कांग्रेस के प्रति अमेठी की धारणा पूरी तरह बदल चुकी है.’’


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अमेठी के लिये फूड पार्क, पेपर मिल और नेटिव परियोजनाएं शुरू होने से पहले ही खत्म हो गयीं. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने अमेठी को कुछ देने के बजाय, जो था वह भी छीन लिया.


कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में स्वीकृत हुई फूड पार्क परियोजना को मोदी सरकार ने निरस्त कर दिया. पेपर मिल की परियोजना और बजट दोनों ही मंजूर हो चुका था. साथ ही जमीन भी आबंटित हो गयी थी, मगर उसके बावजूद इसे निरस्त कर दिया गया. यही हश्र रामगंज त्रिशुंडी में नैटिव मोटर उपकरण निर्माण एवं प्रशिक्षण परियोजना का भी हुआ.


उन्होंने कहा ‘‘अमेठी के मतदाता भाजपा की इन कारस्तानियों के बारे में सब जानते हैं. स्मृति ईरानी सिर्फ इतना बता दें कि उन्होंने अपने प्रयास से बनी किन चार परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. अमेठी के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने भी यहां के लिये आज तक कुछ नहीं किया.’’


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हालांकि अग्रहरि ने मिश्रा के आरोपों को गलत बताते हुए कहा ‘‘मोदी सरकार ने अमेठी के साथ सौतेलापन कतई नहीं किया. हर जगह काम हुआ है. स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली के क्षेत्र में जमीनी बदलाव आया है.’’


भाजपा राहुल के दक्षिण भारत की किसी सीट से चुनाव लड़ने की सम्भावनाओं को भी मुद्दा बना रही है. इस पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिश्रा कहते हैं कि राहुल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनके प्रति पूरे देश में स्नेह और आदर है. दक्षिण भारत के पार्टी कार्यकर्ता अगर चाहते हैं तो राहुल अमेठी के साथ-साथ वहां की किसी सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं. इसे राहुल का पलायन कहना जनता को गुमराह करना है.


कांग्रेस के स्थानीय नेता अशोक सिंह ‘हिटलर’ का दावा है कि भाजपा अपनी ही योजनाओं की नाकामी के कारण बेनकाब हो गयी है. स्मृति अमेठी को पर्यटन स्थल समझती हैं। उन्होंने अमेठी को फायदा पहुंचाने के बजाय उसका नुकसान ही किया है. पिछली बार के मुकाबले इस दफा चुनाव में स्मृति की हालत और खराब होगी.


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उनका कहना है कि कांग्रेस हर विधानसभा क्षेत्र में राहुल संदेश यात्रा निकाल रही है. गांव-गांव नुक्कड़ सभा हो रही है. एक दिन में करीब 15-20 सभाएं हो रही हैं. इसमें किसान सम्मान योजना के नाम पर धोखाधड़ी, उज्ज्वला योजना के नाम पर धांधली, सौभाग्य योजना के नाम पर फरेब जैसे जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं.


गौरतलब है कि अमेठी हमेशा से कांग्रेस खासकर नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ रहा है. राहुल गांधी पिछले 15 साल से यहां के सांसद हैं. वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी. इस बार वह फिर उनके मुकाबले खड़ी हैं.