नई दिल्ली: देश में 1989 के बाद से लोकसभा के आठ चुनाव हुए हैं. इन चुनावों के बाद कभी कांग्रेस, कभी बीजेपी और कभी तीसरे मोर्चे की सरकार बनी, लेकिन एक चीज में बीजेपी सभी पार्टी से आगे रही है. साल 1989 से 2014 तक देश में 976 सांसद सुरक्षित सीटों से जीते हैं इसमें बीजेपी से जीतने वाले कैंडिडेट की संख्या सबसे अधिक है.


976 सांसदों में से बीजेपी से जहां 30 फीसदी सांसद जीते हैं वहीं, कांग्रेस से 28 फीसदी सांसद सुरक्षित सीटों से जीते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सर्वाधिक 66 सुरक्षित सीटें जीती थी.

इन सीटों की जातीय आधार पर आबादी की हिस्सेदारी देखी जाए तो किसी भी सीट पर एससी-एसटी की संख्या औसत तौर पर 40 से 45 फीसदी से अधिक नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुरक्षित सीटों पर जीत में एससी-एसटी के बराबर की भूमिका अन्य जाति के लोग निभाते हैं और इन लोगों का समर्थन बीजेपी को पिछले चुनावों में मिला है.


बता दें कि संसद में समाज के वंचित लोगों की हिस्सेदारी कम न हो इसके लिए 84 सीटें एससी समुदाय के लिए और 47 सीटें एसटी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. इन सीटों पर इन्हीं समुदाय के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं.


इस बार देश में सात चरणों में लोकसभा का चुनाव हो रहा है. पहले चरण का चुनाव 11 अप्रैल को 91 सीटों पर हुआ. अब चौथे चरण का चुनाव 29 अप्रैल को 71 सीटों पर होगा. सातवें और आखिरी चरण का चुनाव 19 मई को होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी.


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