हैदराबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी को साझा दुश्मन समझने वाले संयुक्त विपक्षी दलों की सरकार लोकसभा चुनावों के बाद निश्चित है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संभावनाएं काफी अच्छी नजर आ रही हैं जो खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके अनुयायियों की हताशा भरी गतिविधियों, मनोभाव और बयानों से काफी स्पष्ट हैं.
लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस को कितनी सीटें आएंगी, इस पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को सरकार बनाने के लिये बहुमत नहीं मिलेगा. मोइली ने बताया, ''मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के पास वापसी का कोई रास्ता है.''
टीआरएस, वाईएसआरसीपी, सपा, बसपा, बीजेडी और तृणमूल कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दल जो न कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के साथ हैं न ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पाले में, इन पार्टियों के कुछ राज्यों में अच्छा करने की उम्मीद है, ऐसे में इनके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''आखिरकार, सवाल यह है कि उनका साझा दुश्मन कौन है?'' उन्होंने कहा, ''कुल मिलाकर देखें, उनके साझा दुश्मन नरेंद्र मोदी और बीजेपी हैं.'' उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी उस दल का समर्थन करेगी जो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे का आश्वासन देगा.''
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''ये चीजें हैं जो एनडीए के दायरे को सीमित करेंगी.'' मोइली ने कहा, ''कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाले दल के तौर पर उभरेगी. अंतत: मोदी वहां नहीं होंगे, बीजेपी वहां नहीं होगी. संयुक्त विपक्ष ही अंतत: सरकार बनाएगा.'' इस बीच वरिष्ठ वामपंथी नेता और सीपीआई के महासचिव सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने कहा कि उन्हें इस बात पर संदेह है कि तटस्थ क्षेत्रीय दलों को यूपीए से ज्यादा सीटें मिलेंगी.
रेड्डी से जब पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि यूपीए और कुछ ऐसे दल जो अभी उसके साथ नहीं है, चुनाव के बाद साथ आएंगे, उन्होंने कहा, बहुत संभावना है. उन्होंने कहा, ''इस बात की संभावना है कि बीजेपी के विकल्प के तौर पर एक सरकार बने.''
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