जम्मू कश्मीर: कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया गठबंधन का एलान
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन का एलान कर दिया है. आइए जानते हैं कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव.
Lok Sabha Election 2019: जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बधुवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन का ऐलान किया. वे क्रमश: दो और एक सीट पर लड़ेंगे जबकि तीन सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ करेंगे. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस जम्मू और उधमपुर सीट पर लड़ेगी जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस श्रीनगर सीट पर लड़ेगी. अब्दुल्ला ने कहा कि इन तीन सीटों के अलावा दोनों पार्टियां अनंतनाग और बारामूला और लद्दाख सीट पर दोस्ताना मुकाबला करेंगी. उन्होंने कहा कि वह श्रीनगर से चुनाव लड़ेंगे.
आजाद ने कहा कि दोस्ताना मुकाबले का मतलब यह है कि हम दूसरे के खिलाफ तल्खी नहीं दिखाएंगे और प्रतिद्वंद्वियों को शिकस्त देने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे. भले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस जीते या हम, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
आजाद ने कहा कि जम्मू में अगर दोनों पार्टियों अलग अलग चुनाव लड़ेंगी तो इससे बीजेपी को फायदा होगा जबकि कश्मीर में अगर अलग अलग लड़ते हैं तो मतों का स्थानांतरण होना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि अनंतनाग और बारामूला में हमारे कुछ विधायक हैं और (दोस्ताना मुकाबले के जरिए) हम अपनी जमीन बचाए रखने में सक्षम होंगे. प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हमारी लड़ाई संयुक्त प्रयास है.
आजाद ने पत्रकारों से कहा, ‘‘गठबंधन को राष्ट्रीय हित में अंतिम रूप दिया गया है और यह जम्मू कश्मीर में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करेगा क्योंकि राज्य पाकिस्तान से खतरे का सामना कर रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जियो और जीने दो। यह राष्ट्रीय हित में लिया गया बेहतरीन फैसला है. चाहे कांग्रेस जीते या नेशनल कॉन्फ्रेंस यह दोनों की ही जीत होगी.’’
आजाद ने कहा कि गठबंधन का मकसद धर्मनिरपेक्ष मतों को बंटने से रोकना और भाजपा को लाभ नहीं होने देना है. उधर, बीजेपी प्रवक्ता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन एक छलावा है और जम्मू के लिए सजग होने का समय है. उन्होंने कहा कि ‘‘ कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगे न सिर्फ समर्पण किया है बल्कि अलगाववादी समर्थक, कश्मीर केंद्रित, सांप्रदायिक पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे को मान लिया है.''
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