नई दिल्ली: देश की राजनीतिक इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी अब अस्तित्व बचाने मुहाने पर खड़ी हो गई है. कांग्रेस जिसने दशकों तक देश पर एकछत्र राज किया वह अब सत्तापक्ष को दूर विपक्ष की पार्टी बनने के लिए भी जूझ रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उससे नेता विपक्ष का दर्जा छिन गया था. इस बार भी हालात ऐसे ही हैं. यूपीए के सबसे बड़े दल कांग्रेस पार्टी के पास कुल 51 सीटें आने वाली हैं. साफ तौर पर इस बार भी स्पष्ट है कि विपक्ष का दर्जा हासिल करना भी कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल साबित होने वाला है. पिछले बार के चुनाव में भी लोकसभा में किसी भी दल को विपक्ष का दर्जा हासिल नहीं हो पाया था.


मुश्किल है विपक्ष का दर्जा


लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. एक बार फिर देश में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA की सरकार बनने जा रही है. इस बार बीजेपी और NDA साल 2014 से भी ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है.


इस बार भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशा जनक रहा है. पार्टी के खराब प्रदर्शन से वह चुनाव तो हार गए लेकिन एक और खतरा मंडरा रहा है. दरअसल इस बार कांग्रेस से संसद में विपक्ष का दर्जा भी छीना जा सकता है.


दरअसल इस चुनाव में कांग्रेस को 51 सीटों पर जीत मिली है और एक सीट पर वह आगे है. वहीं साल 2014 के चुनाव में उसे मात्र 44 सीटें मिली थी. नियम के मुताबिक कुल लोकसभा सीटों में से कम से कम 10 प्रतिशत सीटें यानि 55 सीटें जीतने की आवश्यकता होती है. साल 2014 और 2019 में कांग्रेस इस न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करने में असफल रही है. बता दें कि लोकसभा की कुल 545 सीटें हैं.


16वीं लोकसभा में जब कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. कांग्रेस सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते अपने सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए विपक्ष के नेता का पद मांग रही थी. कांग्रेस की कम सीटें होने के चलते खड़गे को यह पद नहीं मिला.


इस बार मल्लिकार्जुन खड़गे गुलबर्ग लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं. वह इस सीट से साल 2009 से जीतते आ रहे थे. ऐसे में एक बार फिर विपक्ष के नेता का पद खाली रह सकता है.


चुनाव के नतीजे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए बीजेपी अकेले अपने दम पर 300 से ज्यादा सीटों पर जीतती नज़र आ रही है. वहीं एनडीए भी 350 सीटों को पार कर गया है. अबतक के इतिहास में पहली बार हुआ है जब बीजेपी ने 300 का आंकड़ा छुआ है. इससे पहले 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर 282 सीटों पर कब्जा किया था. अब ये तय हो चुका है कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे.


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