नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 6 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. नई दिल्ली से अजय माकन और उत्तर पूर्व से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को टिकट दिया है. वहीं पूर्वी दिल्ली से अरविंदर सिंह लवली, चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से राजेश लिलोठिया और वेस्ट दिल्ली से महाबल मिश्रा को टिकट दिया गया है. आइए जानते हैं कांग्रेस के छह उम्मीदवारों के बारे में सबकुछ


शीला दीक्षित


पंजाब के कपूरथला में जन्मीं और दिल्ली के जीसस एंड मैरी स्कूल से शुरुआती और मिरांडा हाउस से विश्वविद्यालयी शिक्षा हासिल करने वाली शीला दीक्षित कांग्रेस पार्टी की बड़ी नेता हैं. इससे पहले कि उनके राजनीतिक जीवन पर चर्चा करें आइए थोड़ा उनके व्यक्तिगत जीवन को भी जान लें.


शीला को कॉलेज के जमाने में विनोद दीक्षित से प्यार हुआ और फिर उन्हीं से शादी हुई. शीला दीक्षित एक बेटे और एक बेटी की मां हैं. उनके बेटे संदीप दीक्षित सांसद रह चुके हैं.


राजनीति में आने से पहले वे कई संगठनों से जुड़ी रही हैं और उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली में दो हॉस्टल भी बनवाए. 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं. इस दौरान वह लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वे बाद में केन्द्रीय मंत्री भी रहीं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए शीला दीक्षित ने वर्ष 1998 में कांग्रेस को दिल्ली में जीत दिलवाई. शीला साल 1998 से 2013 तक तीन कार्यकाल में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री का पद संभाल चुकी हैं. फिलहाल वह कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हैं.


अजय माकन


दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने 1993 में राजौरी गार्डन से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद वे 1998, और 2003 में भी विधायक चुने गए.


2004 के आम चुनाव में, माकन ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और तत्कालीन मौजूदा कैबिनेट मंत्रीजगमोहन को हराया. 2009 के आम चुनावों में उन्होंने इसी सीट से फिर जीत दर्ज की. उन्हें गृह राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. 2011 में, माकन को 2010 के राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के बाद खेल और युवा मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 2012 में आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. 2014 के आम चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी से माकन हार गए थे.


2015 के दिल्ली चुनाव में अजय माकन को कांग्रेस ने अपनी प्रचार समिति की कामन सौंपी. माकन को दिल्ली के तेजतर्रार नेता के रूप में पहचाना जाता है.  माकन 39 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के स्पीकर बने थे.


अरविंदर सिंह लवली


अरविंदर सिंह लवली को पार्टी ने इस बार पूर्वी दिल्ली से टिकट दिया है. अरविंदर सिंह लवली का जन्म लुधियाना में हुआ था. वह शीला दीक्षित की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. लवली को एनएसयूआई, युवक कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों पर काम करने का अनुभव है. उन्होंने राजनीति की शुरुआत खालसा कॉलेज में बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष की थी.


लवली 1990 में दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस महासचिव चुने गए थे जबकि वर्ष 1992-94 के बीच नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के महासचिव रह चुके हैं. लवली 1998 में दिल्ली विधानसभा के लिए पहली बार चुने गए थे. 2003 में वह फिर जीते और विधायक बनने पर लवली को मंत्री बनाया गया. लवली वर्ष 2008 में हुए दिल्ली विधानसभा में दिल्ली की गांधीनगर सीट से विजयी रहे थे. 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में उन्होंने गांधीनगर सीट से जीत हासिल की थी. जबकि 2015 विधानसभा में वह हार गए थे.


जेपी अग्रवाल


नॉर्थ इस्ट दिल्ली लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्‍व में आई और 2009 में कांग्रेस के जेपी अग्रवाल यहां से पहले सांसद बने. वह 2006–2009 तक राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं. साल 2014 के चुनाव में उन्हें मनोज तिवारी ने हराया था. 1983-84 में वह दिल्ली के डेप्यूटू मेयर भी रहे हैं. 1984 में चांदनी चौक से पहली बार चुनाव जीता था. इसी सीट से 1996 में भी वह चुने गए थे.


महाबल मिश्रा


महाबल मिश्रा पश्चिमी दिल्ली से संसद के सदस्य रह चुके हैं. सांसद चुने जाने से पहले वह नई दिल्ली में द्वारका विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे.उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत दिल्ली नगर निगम से दिल्ली के पार्षद के रूप में की. उन्होंने 1997 में डाबरी वार्ड का प्रतिनिधित्व किया. 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह नसीरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में भी वह फिर से उसी सीट से चुने गए.


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