Lok Sabha Election 2019: जानिए- चुनाव के एलान के साथ ही कैसे सरकार के हाथ बंध गए हैं
Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान करने के साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो जाती है. आचार संहिता के लागू होने के बाद चुनाव में हिस्सा ले रहीं पार्टियां और उम्मीदवार चुनाव आयोग के आदेशों के मुताबिक ही अपना प्रचार अभियान चलाते हैं.
Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग ने देश में आम चुनाव का एलान कर दिया है. चुनाव आयोग के एलान के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. आचार संहिता के लागू होने के बाद सरकार के कामकाज पर कई तरह की रोक लग जाती है. चुनाव के लिए आयोग ने इस बार एप भी लॉन्च किया है. आचार संहिता का उल्लंघन करने की शिकायत एप पर दर्ज करवाई जा सकती है. 100 मिनट के अंदर ही संबंधित अधिकारी इसका जवाब देंगे.
आचार संहिता के लागू होने के बाद अब सरकार कोई घोषणा या फिर किसी भी प्रोजेक्ट का उद्घाटन नहीं कर सकती है. इतना ही नहीं सरकारी खर्च पर ऐसा कोई भी आयोजन नहीं किया जा सकता है जिससे की किसी पार्टी को लाभ मिले. आचार संहिता के लागू होने के बाद पार्टियों के काम पर चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक नज़र रखेंगे.
इसके अलावा सरकारी कर्मचारी आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर काम करेंगे. चुनाव में हिस्सा लेने वाली सभी पार्टियां और उनके उम्मीदवार को चुनाव आयोग के फैसलों का पालन करना होगा. जो भी पार्टी या उम्मीदवार चुनाव आयोग के फैसलों का पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है.
आचार संहिता के बाद चुनाव में हिस्सा ले रही पार्टियां अपने प्रचार अभियान को तेज कर देंगी. इसके साथ ही पार्टियों के उम्मीदवार भी अपने लिए वोट मांगने की शुरुआत कर देंगे. जिस भी चरण में वोटिंग होनी होगी, उससे दो दिन पहले शाम 5 बजे पार्टियों को अपना प्रचार अभियान रोकना होगा.
चुनाव आयोग उम्मीदवारों के खर्चों की सीमा तय कर रखा है और वो अपने, अपनी पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए उससे ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं. अगर ज्यादा खर्च करते पकड़े गए तो उनपर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.