नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और दिल्ली के उत्तर पश्चिम सीट से सांसद उदित राज ने पार्टी के खिलाफ बागवत का एलान कर दिया है. उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर अब तक बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है, जबकि आज नामांकन भरने की आखिरी तारीख है. इस बीच बीजेपी से टिकट के इंतजार में बैठे उदित राज ने कहा है कि वह आज नामांकन दाखिल करेंगे और पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो बीजेपी को अलविदा कह देंगे.
टिकट न मिलने से नाराज उदित राज ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे से 'चौकीदार' शब्द हटा दिया है. बता दें कि 'चौकीदार कैंपेन' के बाद बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने अपने नाम के आगे 'चौकीदार' शब्द जोड़ लिया था.
उदित राज ने ट्वीट कर कहा है, ''मुझे टिकट का इंतजार है अगर बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया तो मैं पार्टी को अलविदा कर दूंगा.'' उन्होंने कहा, ''अभी तक पार्टी ने उत्तर पश्चिम सीट पर टिकट की घोषणा नहीं की है. इसके बावजूद मैं नामांकन करुंगा."
बता दें कि बीजेपी दिल्ली की छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान कर चुकी है. हालांकि अभी तक उत्तर पश्चिम सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है. उदित राज इसी सीट से मौजूदा सांसद हैं.
इससे पहले उदित राज ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि बीजेपी दलितों के साथ धोखा नहीं करेगी. उन्होंने कहा था कि कहा कि टिकट को लेकर अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, निर्मला सीतारमण, अरुण जेटली से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हुई.
गौरतलब है कि पूर्व आईआरएस उदित राज 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया था. उदित राज ने बीजेपी के साथ रहने के बावजूद कई मौकों पर पार्टी नेताओं के रुख की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने एससी-एसटी एक्ट का भी समर्थन किया था.
कौन हैं उदित राज?
- उत्तर प्रदेश के रामनगर में जन्मे उदित राज ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्थिति जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की है.
- अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहने वाले उदित राज कॉलेज के समय से ही मुखर रहे हैं.
- उदित राज 1988 में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए और आयकर विभाग में उपायुक्त, संयुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त के पदों पर अपनी सेवाएं दीं.
- साल 2003 में नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने इंडियन जस्टिस पार्टी का गठन किया था.
- 2014 के चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय बीजेपी के साथ कर दिया.
- विलय के बाद पार्टी ने उन्हें उत्तर पश्चिम सीट से अपना उम्मीदवार बनाया.
- उत्तर पश्चिम सीट से जीतकर वह संसद पहुंचे.
दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीटें हैं. यहां छठे चरण में सभी सीटों पर 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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