नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में सभी दल अपने अपने प्रचार में जुटे हुए साथ ही एक दूसरे पर हमलावर भी हो रहे हैं. कोई नेता अपने थीम सॉन्ग के जरिए तो कई चुनावी रैलियों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं चुनाव आयोग भी नेताओं के भाषण, रैली और प्रचार अभियान पर नजर बनाए हुए है.
चुनाव आचार संहिता को लेकर आयोग भी सक्रिय दिख रहा है. ताजा मामले में चुनाव आयोग 'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर आज अपना फैसला सुना सकता है. 'चौकीदार चोर है' वाले बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी.
बता दें कि अमेठी से नामांकन भरने के बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा था 'चौकीदार चोर है'. इस पर बीजेपी के प्रतिनिधिमंल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी.
इस शिकायत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी में प्रेस वार्ता का वीडियो चुनाव आयोग की जांच के दायरे में आ गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने अमेठी में राहुल गांधी के प्रेस वार्ता का पूरा वीडियो भेजा है.
गौरतलब है कि बीजेपी नेताओं ने अपनी शिकायत में आयोग से कहा था कि राहुल गांधी और कांग्रेस अपनी रैलियों में 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाते हैं. यह बयान आपत्तिजनक है इस पर रोक लगाई जाए.
इससे पहले मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग ने 'चौकीदार चोर है' विज्ञापन को बैन कर दिया था. संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इस बात के आदेश जारी किए हैं.
मध्य प्रदेशः कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक
पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से प्रसारित किए जा रहे विज्ञापन 'चौकीदार चोर है' को राज्य मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति द्वारा निरस्त किया गया है. लिहाजा इसके प्रसारण पर रोक लगाई जाए.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' विज्ञापन को लेकर ऐतराज जताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में अपील की गई थी.
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो चुनाव आयोग की जांच के दायरे में आया
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