भोपालः चुनावी मैदान में प्रज्ञा ठाकुर को टक्कर देंगे शहीद हेमंत करकरे के सहयोगी रियाजुद्दीन देशमुख
प्रज्ञा ठाकुर ने मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मैंने करकरे को सर्वनाश होने का श्राप दिया था.
भोपालः भोपाल लोकसभा सीट की बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ओर से शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिए गए विवादित बयान से कई अधिकारी नाराज हो गए हैं. महाराष्ट्र के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रियाजुद्दीन देशमुख ने एलान किया है कि वह प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं.
रियाजुद्दीन ने 23 अप्रैल को भोपाल सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी इस सीट पर चुनावी मैदान में हैं. बता दें कि करकरे 26/11 के मुम्बई आतंकी हमले में शहीद हुए थे और वह रियाजुद्दीन के वरिष्ठ अधिकारी थे.
29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रहीं हैं. इस बहुचर्चित मामले में वह इन दिनों जमानत पर हैं.
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मैंने करकरे को सर्वनाश होने का श्राप दिया था. उन्होंने कहा कि मेरे श्राप के सवा माहीने बाद आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया.
हालांकि, इस बयान के एक चौतरफा उनकी आलोचना होने लगी थी. आलोचना के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित नेहरू नगर के रहने वाले रियाजुद्दीन ने फोन पर बताया, ''अपने वरिष्ठ अधिकारी करकरे के खिलाफ प्रज्ञा द्वारा की गई टिप्पणी से मैं अत्यधिक व्यथित हूं.'' उन्होंने कहा, ''कुछ ही पलों बाद उसने शहीद हुए करकरे साहब को देशद्रोही कहा. मैंने फैसला किया है कि मैं प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव लडूंगा.''
साल 2016 में सहायक पुलिस आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए रियाजुद्दीन ने कहा, ''मैंने करकरे के अधीन सब इंस्पेक्टर के रूप में काम किया था. उस समय वह (करकरे) अकोला जिले के पुलिस अधीक्षक थे. वह मेरे बॉस थे. वह बहादुर, लोगों की सहायता करने वाले एवं लोगों को प्रेरित करने वाले एक रत्न थे.''
उन्होंने कहा, ''वह मुझे बहुत पसंद करते थे. मैं उन्हें अत्यधिक सम्मान देता था.'' रियाजुद्दीन ने बताया, ''मैंने भोपाल सीट से 23 अप्रैल को अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया है और किसी भी हालत में मैं अपना नामांकन वापस नहीं लूंगा.''
भोपाल सीट पर बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट से दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है. भोपाल सीट से नामांकन-पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल है. 12 मई को इस सीट पर मतदान होना है.
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