वाराणसी: अबतक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीतिक दलों की तरफ से किसी भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है. इसके बावजूद अबतक कुछ ऐसे नाम सामने आए हैं, जो वाराणसी लोकसभा क्षेत्र को काफी दिलचस्प बना रहे हैं. वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री के सामने पूर्व जज, पूर्व जवान और पुजारी प्रतिद्वंद्वी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 मई को मतदान होगा.
मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक के अलावा सेवानिवृत्त न्यायाधीश सी.एस. कर्णन चुनावी मैदान में उतरेंगे. कर्णन सुप्रीम कोर्ट के अवमानना मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं, अब वह यहां से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
इसके साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव भी यहां से चुनाव लड़ने का ताल ठोक रहे हैं. यादव सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए खराब खाना दिए जाने की शिकायत कर चुके हैं.
यादव ने कहा, "मैं जवानों की समस्या को उठाना चाहता हूं. प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से खड़ा होने से मुझे उम्मीद है कि मेरी आवाज सुनी जाएगी."
तमिलनाडु से 111 किसान और फ्लोरोसिस से पीड़ित अंसला स्वामी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लामबंद हैं.
पी. अय्यकन्नू के नेतृत्व में ये 111 किसान दिल्ली में 2017 में प्रदर्शन कर चुके हैं.
इसके अलावा तेलंगाना के नलगोंडा और आंध्र प्रदेश के प्रकाशम के फ्लोरोसिस पीड़ित भी इस कतार में हैं, जो वड्डे श्रीनिवास और जलागम सुधीर के नेतृत्व में भूजल में फ्लोराइड मिश्रण का मुद्दा उठा रहे हैं. यह इन दोनों राज्यों में गंभीर मुद्दा है.
इन सबमें जो सबसे गंभीर उम्मीदवार हैं, वह हैं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद. उन्होंने 30 मार्च को वाराणसी में रोड शो किया था, जिसमें बड़ी संख्या में दलित युवा शामिल हुए थे.
गंगा को स्वच्छ करने का अभियान चलाने वाले वाराणसी के संकटमोचन मंदिर के प्रमुख पुजारी और बीएचयू के प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा भी मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं.
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