नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है. देश में एक बार फिर पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ लेंगे. इधर बीजेपी नई सरकार बनाने की तैयारी में जुटी है तो उधर मध्यप्रदेश और कर्नाटक की गठबंधन सरकारों पर तलवारें लटकने लगी है. मध्यप्रदेश और कर्नाटक की सियासत में उठापटक का दौर शुरू हो गया है. खबरों की माने तो बीजेपी कांग्रेस और उसके गठबंधन की सरकार को गिराने के फिराक में है. ऐसे में आइए देखते हैं दोनों राज्यों के समीकरण क्या है और किस गणित को साधकर बीजेपी राज्य में तख्तापलट कर सकती है.


कर्नाटक


कर्नाटक में फिलहाल जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस की सरकार है. राज्य में सियासी समीकरण बदल रहा है. कांग्रेस नेता रोशन बेग ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी के.सी वेणुगोपाल को भैंसा कह डाला. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे तो राहुल गांधी पर तरस आता है. एग्जिट पोल के नतीजों पर कहा कि ये वेणुगोपाल और सिद्धारमैया के घंमड का फ्लॉप शो है. बेग ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया की आलोचना करते हुए् कहा कि वो खुद नहीं चाहते हैं कि सरकार ज्यादा दिन चले.


कर्नाटक में क्या है गणित


225 विधानसभा वाले कर्नाटक में बीजेपी के पास 104 सीट हैं, जबकि जेडीएस के पास 37 और कांग्रेस के पास 78 सीट हैं. एक बसपा का विधायक भी कांग्रेस जेडीएस के सरकार के साथ है. बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होती है. अभी कांग्रेस, जेडीएस और बीएसपी गठबंधन में है और उसके पास 116 सीटें हैं. लेकिन पार्टी के लिए कुछ नेताओ के बगावती तेवर ने चिंता खड़ी कर दी है. अगर बीजेपी इन विधायकों में से 8 को अपने पाले में करने में कामयाब हो गई तो राज्य में कांग्रेस + की सरकार गिर जाएगी.


इन्हीं बातों से परेशान राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने आज विधायक दलों की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में वह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि कोई नाराज होकर पार्टी छोड़ने का मन तो नहीं बना लिया है.


मध्य प्रदेश


जो खतरा कर्नाटक सरकार के उपर है वही खतरा मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के उपर भी है. दरअसल जैसे ही एग्जिट पोल के नतीजे आए तभी बीजेपी की तरफ से राज्यपाल को खत लिखकर कहा गया कि कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है. इसके बाद से ही सरकार खतरे में आ गई.


क्या है गणित

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों के समर्थन से चल रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पांच सीटों से बहुमत से दूर रह गई थी. राज्य में 231 विधानसभा की सीटें हैं, बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस के पास 113 विधायक ही हैं, जबकि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक ने कांग्रेस की सरकार को समर्थन दिया है. राज्य में बीजेपी के पास 109 सीटें हैं यानि बीजेपी अगर यहां 7 विधायकों को खरीदने या किसी भी तरह अपने पाले में कर लेती है तो वह राज्य में सरकार बना लेगी.


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