2019 की 19 महिलाएं: हरसिमरत कौर बादल राजनीति ही नहीं समाज सेवा में भी है सक्रिय, जानिए उनका सफर
हरसिमरत कौर गुड़गांव ट्राइडेंट होटल में अपना निजी ज्वैलरी व्यवसाय भी चलाती हैं. इसके अलावा, वह एक फैशन डिजाइनर हैं.आइए जानते हैं हरसिमरत कौर बादल के व्यक्तिगत और राजनीतिक सफर के बारे में
नई दिल्ली: 2019 की 19 महिलाओं में आज हम बताने जा रहे हैं हरसिमरत कौर बादल के बारे में. वह भारत की प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञों में से एक हैं जो वर्तमान समय में भारत सरकार के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं. हरसिमरत कौर बादल अपने संसदीय क्षेत्र भटिंडा से साल 2009 से लगातार लोकसभा की सांसद हैं. वह इस बार के चुनाव में भी अकाली दल की बठिंडा से उम्मीदवार हैं.
हरसिमरत कौर गुड़गांव ट्राइडेंट होटल में अपना निजी ज्वैलरी व्यवसाय भी चलाती हैं. इसके अलावा, वह एक फैशन डिजाइनर हैं.आइए जानते हैं हरसिमरत कौर बादल के व्यक्तिगत और राजनीतिक सफर के बारे में
व्यक्तिगत जीवन
हरसिमरत कौर का जन्म 25 जुलाई, 1966 को दिल्ली के एक सिख परिवार में हुआ था. उन्होंने लारेटो कॉन्वेंट स्कूल, नई दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की है. हरसिमरत कौर ने मैट्रिक्यूलेट और वस्त्र डिजाइन में डिप्लोमा भी किया है. हरसिमरत कौर बादल का विवाह 21 नवंबर 1991 को सुखबीर सिंह बादल से हुआ. जो पंजाब की राजनीति में एक बड़ा नाम है. हरसिमरत कौर बादल की दो बेटियां और एक बेटा है.
राजनीतिक सफर
हरसिमरत कौर बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2009 के भारतीय आम चुनावों के साथ की थी. इन चुनावों में शिरोमणि अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल ने चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार राहींदर सिंह को 120960 मतों से हराया और भटिंडा विधानसभा क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा सदस्य चुनी गई. हरसिमरत कौर बादल ने अपने पहले भाषण में 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के पीड़ितों और उनके परिवार के बारे में चिंता व्यक्त की. इसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने 2014 के भारतीय आम चुनावों में भटिंडा सीट से पुन: जीत प्राप्त की और मोदी सरकार के अंतर्गत केंद्रीय खाद्य मंत्री के पद पर नियुक्त हैं.
समाजिक कार्य
समाजिक कार्यों में भी हरसिमरत कौर काफी सक्रिय हैं. हरसिमरत कौर बादल को मुख्य रुप से पंजाब में घट रहे महिला लिंग अनुपात के विरुद्ध और वृक्षों को बचाने के लिए चलाए जा रहे ‘नन्ही छां’ अभियान के लिए जाना जाता है. इस अभियान के तहत राज्य में कन्या भ्रूण हत्या और अन्य मामले जैसे कि कैंसर से निपटने, कृषि, किसानों की समस्याएं, पर्यावरण संबंधी समस्याएं और लगातार कम हो रहे जंगलों के बारे में लोगों को जागरूक करने का प्यास किया गाया. इस अभियान के माध्यम से पंजाब के गावों में 75 सिलाई केन्द्र खोले गए हैं जिसमें सैकड़ों महिलाएं काम करती हैं.
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