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2019 की 19 महिलाएं: पर्सनल लाइफ हो या पॉलिटिकल लाइफ हर जगह हेमा मालिनी ने लोगों के दिलों में बनाई जगह
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को चेन्नई में हुआ था. हेमा मालिनी बचपन से ही हीरोइन बनना चाहती थी. इसके लिए उन्होंने 10वीं कक्षा में ही पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी.
नई दिल्ली: 2019 की 19 महिलाएं में बात करते हैं मथुरा सीट से बीजेपी सासंद हेमा मालिनी की. हेमा एक बार फिर इसी सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहीं हैं. अभिनेत्री से राजनीति में कदम रखने वाली ड्रीम गर्ल को फिल्म इंडस्ट्री में उनके सराहनीय काम के लिए जाना जाता है. हेमा मालिनी हमेशा से ही अपनी पर्सनल लाइफ, पॉलिटिकल लाइफ और सोशल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. शायद ही उनके चाहने वाले जानते हों कि हेमा मालिनी ने अपनी आंखे दान की हुई हैं. हेमा मालिनी के जन्म से लेकर 'ड्रीम गर्ल' बनने और फिर राजनीति में कदम रखने की पूरी कहानी यहां जानिए वो भी कुछ ऐसे दिलचस्प बातों के साथ जिनके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हो.
जन्म और एज्यूकेशन
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को चेन्नई में हुआ था. हेमा मालिनी बचपन से ही हीरोइन बनना चाहती थी. इसके लिए उन्होंने 10वीं कक्षा में ही पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी. इसके बाद साल 2012 में उन्हें राजस्थान के उदयपुर की सिंघानिया यूनिवर्सीटी ने डॉक्रेट की डिग्री से सम्मानित किया.
हो गई थीं रिजेक्ट
साल 1964 में हेमा मालिनी को तमिल डायरेक्ट सीवी श्रीधर ने रिजेक्ट कर दिया था. उनका मानना था कि हेमा मालिनी में हीरोइन बनने वाली बात नहीं हैं. इस फिल्म में ये रोल बाद में जयललिता को दिया गया था. हेमा मालिनी को पहली बार फिल्म में काम 1965 में मिला था. फिल्म 'पांडवा वनवासम' में उन्होंने एक छोटा सा किरदार निभाया था.
बॉलीवुड डेब्यू
हेमा मालिनी ने साल 1968 में राज कपूर के साथ फिल्म 'सपनों का सौदागर' से बॉलीवुड डेब्यू किया था. इस फिल्म ने को कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था लेकिन हेमा मालिनी को उनके किरदार और अभिनय के लिए काफी तारीफें मिली थीं. इसके बाद उन्हें फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' में देव आनंद और 'तुम हसीन मैं जवान' में धर्मेंद्र के अपोजिट कास्ट कर लिया गया था. दोनों ही फिल्म सुपरहिट साबित हुईं.
अवॉर्ड
ड्रीम गर्ल को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड साल 1972 में रिलीज हुई उनकी फिल्म 'सीता और गीता' के लिए दिया गया था. इसके बाद उन्हें साल 2000 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया. फिल्म इंडस्ट्री में सराहनीय योगदान के लिए हेमा मालिनी को पद्मभूषण अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. इसके साथ ही जानवरों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ अवाज बुलंद करने और शाकाहारी भोजन को प्रमोट करने के लिए PETA ने हेमा मालिनी को साल 2011 में पर्सन ऑफ द ईयर से सम्मानित किया था.
राजनीतिक सफर
साल 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्होंने अपने राजनीतिक सफर शुरूआच की. फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद उन्होंने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया. भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा की सदस्य बनीं. लेकिन अधिकारिक रूप से वह सन 2004 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी की नियुक्त उम्मेदवार थी मार्च 2010 में हेमा मालिनी बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी बनी. इसी के साथ उनकी नियुक्ती लोक सभा के सदस्य के रूप में की गयी थी. आज हेमा मालिनी मथुरा से सांसद हैं.
2014 के चुनाव में बीजेपी ने हेमा को उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से उतारा. हेमा ने आरएलडी के जयंत चौधरी को 3,30,743 वोटों से हराया और पहली बार लोकसभा की सदस्य बनीं. इस बार फिर वह मैदान में हैं. उनके सामने महागठबंधन के प्रत्याशी नरेंद्र सिंह और कांग्रेस की ओर से महेश पाठक मैदान में हैं.
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