मुस्लिम मतदाताओं को लेकर हेमामालिनी की राय मेनका गांधी से अलग, कहा- इस तरह की भावना मेरे अंदर नहीं
लोकसभा चुनाव 2019 में भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा से एक बार फिर लोकसभा का चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त सांसद हेमा मालिनी की मुस्लिमों के प्रति राय केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से अलग है.
मथुरा: लोकसभा चुनाव के माध्यम से संसद में एक बार फिर पहुंचने का प्रयास कर रही बीजेपी की मथुरा से सांसद और उम्मीदवार हेमामालिनी की मुस्लिम मतदाताओं के मामले में सोच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से बिल्कुल अलग है.
अल्पसंख्यक मतदाताओं को लेकर मेनका गांधी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर कई अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओँ ने उनका समर्थन किया. लेकिन, अगर नहीं भी करते तो भी आपको सभी लोगों की मदद करनी चाहिए. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन पक्ष में वोट देता है और कौन नहीं देता है. इस तरह की भावना मेरे अंदर नहीं है. सभी अलग-अलग तरह के होते हैं.
Hema Malini on Maneka Gandhi's statement on Muslim voters: On triple talaq issue many minority community women support us but even if they dont,you have to help everybody,doesn't matter who voted for us & who did not. This kind of feeling doesn't come to me.Everybody is different pic.twitter.com/YCGfKPZcE0
— ANI UP (@ANINewsUP) April 13, 2019
मथुरा से अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हेमा मालिनी ने बतौर बीजेपी प्रत्याशी मुस्लिम मतों के मिलने और न मिलने के सवाल पर कहा, ''मैंने अपने क्षेत्र में बहुत से काम कराए हैं. जिन्हें तय करते वक्त कभी यह नहीं सोचा कि इससे हिन्दू को फायदा मिलेगा या मुस्लिम को. सरकार ने भी गरीबों के हित की कई योजनाएं प्रारम्भ की हैं. जिनसे सभी को फायदा मिलेगा.''
हेमा मालिनी कहा, ''ऐसे में यह सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं कि कौन किसको वोट देगा. हमारी सरकार ने धर्म या जाति के आधार पर विकास कार्य नहीं किए. जनता भी इन चीजों को अच्छे से समझने लगी है. आज पूरी व्यवस्था बदल रही है. लोग सिर्फ विकास चाहते हैं. जातिगत राजनीति अब नहीं चलने वाली. मुझे भरोसा है कि लोग हमारा समर्थन जरूर करेंगे.'' हेमामालिनी ने कहा कि उन्होंने जो अच्छे काम अपने संसदीय क्षेत्र में किए हैं, उसकी बदौलत यहां की जनता उन्हें एक बार फिर संसद तक अवश्य पहुंचाएगी.
उधर , पीलीभीत से सांसद मेनका गांधी को इस बार सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने कथित रूप से वहां की एक जनसभा के दौरान कहा कि हम महात्मा गांधी की संतान नहीं हैं कि हम बस चीजें देते रहें और बदले में हमें कुछ नहीं मिले. संभवतः उनका इशारा मुस्लिम मतदाताओं की ओर था, जिनके बारे में माना जाता है कि वे लोग बीजेपी को वोट नहीं देते. मेनका के बयान को धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला करार देते हुए कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की, जिस पर उनसे तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है.
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