छठा चरण: भोपाल, उत्तर पूर्वी दिल्ली समेत ये हैं हाई प्रोफाइल सीट, जहां होगा 'सुपरहिट मुकाबला'
लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण में होने वाले मतदान में कई हाई प्रोफाइल सीटें हैं. भोपाल और उत्तर पूर्वी दिल्ली समेत और किन-किन सीटों पर ''सुपरहिट मुकाबला' है आइए जानते हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में पांच चरण खत्म हो गया है और अब देश की 59 सीटों पर 12 मई को छठे चरण में वोटिंग होगी. इन सीटों में कई सीट ऐसे भी हैं जहां दो नेताओं के बीच 'सुपरहिट' मुकाबला देखने को मिलेगा. इन सीटों पर नेताओं के बीच टक्कर दिलचस्प होने की उम्मीद है. आइए जानते हैं छठे चरण में किन सीटों पर है 'सुपरहिट' मुकाबला
नई दिल्ली लोकसभा सीट- मीनाक्षी लेखी vs अजय माकन
इस सीट पर दिल्ली वालों को बीजेपी प्रत्याशी मीनाक्षी लेखी और काग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन के बीच कांटे की टक्कर देखने क मिल सकती है. इस सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने 46.73% फीसदी वोटों के साथ आम आदमी पार्टी के आशीष खेतान को 162708 वोटों से शिकस्त दी थी. कांग्रेस के अजय माकन यहां पर तीसरे नंबर पर रहे थे. बीजेपी ने एक बार फिर मीनाक्षी लेखी और कांग्रेस ने अजय माकन पर ही दांव चला है जबकि आम आदमी पार्टी ने ब्रजेश गोयल को मैदान में उतारा है.
दिल्ली उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट- शीला दीक्षित vs मनोजी तिवारी
दिल्ली में एक और सीट जिस पर सबकी नजरें टिकी है वह सीट है उत्तर पूर्वी दिल्ली की लोकसभा सीट. इस सीट पर साल 2014 में बीजेपी के मनोज तिवारी जीते थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी के प्रो.आनंद कुमार को 45.23% मतों के साथ 144084 वोटों से हराया था. वहीं कांग्रेस के जेपी अग्रवाल यहां तीसरे नंबर पर रहे थे. पूर्वांचल वासियों की अच्छी-खासी तादाद वाली इस सीट पर इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस की शीला दीक्षित और बजेपी के मनोज तिवारी के बीच है. दोनों की अपनी-अपनी पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष हैं. शीला दीक्षित का कद दिल्ली की राजनीति में काफी बड़ा है. वह दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. वह खुद भी उत्तर प्रदेश की बहू हैं. ऐसे में इस बार पूर्वांचल वोटर्स के लिए शीला भी विकल्प हो सकती हैं.
भोपाल लोकसभा सीट- प्रज्ञा सिंह ठाकुर vs दिग्विजय सिंह
इस लोकसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प सीटों में से एक सीट भोपाल सीट भी है. इस सीट पर चर्चा का विषय कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार हैं. इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा था, मगर बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर ध्रुवीकरण का दांव खेला है. दोनों उम्मीदवारों की वजह से इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. एक तरफ दिग्विजय सिंह स्वयं धार्मिक स्थलों पर जाकर अपनी छवि बनाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी दिग्विजय सिंह को मुस्लिम परस्त और हिंदू विरोधी बताने में लग गई है.वहीं प्रज्ञा को कांग्रेस द्वारा सताई गई हिंदू महिला के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. बता दें कि कट्टर हिंदू छवि वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रह चुकी हैं और उन्हें दिग्विजय सिंह का धुर विरोधी माना जाता है. कुल मिलाकर इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा.
पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी के आलोक संजर को जीत मिली थी. उन्हें कुल 714178 वोट मिले थे। कांग्रेस के पीसी शर्मा 343482 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं, बता दें कि भोपाल संसदीय क्षेत्र साल 1984 के बाद से ही बीजेपी का कब्जा है. भोपाल संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए 16 चुनाव में कांग्रेस को छह बार जीत हासिल हुई है.
बिहार पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट- राधामोहन सिंह vs आकाश सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह एक बार फिर से मोतिहारी सीट जिसे पूर्वी चंपारण लोकसभा के नाम से जानते हैं वहां से चुनावी मैदान में है. अब उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के राज्य सभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे आकाश प्रसाद सिंह से है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह के लिए वह क्षेत्र नया नहीं है बल्कि वे 2004 में पहली बार मोतिहारी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी और केंद्र में मंत्री बने थे. ऐसे में उनके बेटे आकाश पहली बार चुनाव जरूर लड़ रहे हैं लेकिन वह राधामोहन सिंह के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं. अगर वह जीतते हैं तो राधामोहन सिंह की जीत की हैट्रिक बनने से रह जाएगी.