एक्सप्लोरर
Advertisement
Lok Sabha Election 2019: कानपुर लोकसभा सीट पर स्थानीय उम्मीदवारों का रहा है बोलबाला, कांग्रेस और बीजेपी ने भी जताया भरोसा
2019 के लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने एक बार फिर से स्थानीय प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने अपने जीते हुए कैंडिडेट डॉ मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटते हुए स्थानीय विधायक सत्यदेव पचौरी पर दांव लगाया है.
कानपुर: कानपुर लोकसभा सीट पर आजादी के बाद से स्थानीय सांसदों का बोलबाला रहा है. कानपुर के मतदाताओं ने स्थानीय सांसदों पर भरोसा जताया है और विकास के पथ पर आगे बढ़ा है. कानपुर को उद्योग नगरी के नाम से जाना जाता है. कानपुर में सबसे पहला लोकसभा चुनाव सन 1952 में हुआ था. कांग्रेस पार्टी के हरिहर नाथ शास्त्री पहले सांसद बने थे. 1952 से लेकर 2009 तक स्थानीय उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की थी. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में पहली बार ऐसा हुआ था कि बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ने बाहर से आ कर तीन बार के सांसद पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का विजय रथ रोका था.
2019 के लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने एक बार फिर से स्थानीय प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने अपने जीते हुए कैंडिडेट डॉ मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटते हुए स्थानीय विधायक सत्यदेव पचौरी पर दांव लगाया है. वही कांग्रेस ने भी एक बार फिर से श्रीप्रकाश जायसवाल पर प्रत्याशी घोषित किया है. कानपुर लोकसभा सीट पर सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस की ही लड़ाई है. इन दोनों पार्टियों के आलावा यहां पर किसी और की गुंजाइश भी नहीं है. दोनों पार्टियां इस बात को जानती है कि स्थानीय नेता ही यहां पर सबसे ज्यादा प्रभावशाली साबित हो सकते हैं.
कांग्रेस के कैंडिडेट हैं श्रीप्रकाश जायसवाल
कानपुर लोकसभा सीट की गिनती वीआईपी सीटों में होती है. कानपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट श्रीप्रकाश जायसवाल लगातार 1999 से लेकर 2014 तक लगातार सांसद रहे हैं. यूपी सरकार में वो गृहराज्य मंत्री और फिर केंद्रीय कोयला मंत्री भी रह चुके हैं. श्रीप्रकाश प्रकाश जायसवाल एक ऐसा नाम है जिसने कांग्रेस पार्टी को अपनी जिन्दगी के 32 साल दिए हैं. उन्हें कानपुर शहर के बुजुर्गो से लेकर बच्चे तक भलीभांति जानते हैं उनकी गिनती जमीनी नेताओं की जाती है.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ने श्रीप्रकाश जायसवाल की हैट्रिक को तोड़ते हुए शानदार जीत दर्ज की थी. कानपुर लोकसभा सीट से वर्तमान में बीजेपी के डॉ मुरली मनोहर जोशी सांसद हैं. 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद डॉ मुरली मनोहर जोशी अधिकतर समय शहर से लापता रहे हैं. चुनाव जीतने के बाद शहर की जनता को यह भी पता नहीं चलता था कि डॉ जोशी कब आए और कब चले गए. डॉ जोशी के खिलाफ शहर की जनता सांसद के लापता होने के पोस्टर भी चस्पा कर चुकी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले डॉ जोशी ने क्षेत्र में सक्रीयता दिखाई थी. बीजेपी के होने वाले सभी कार्यक्रमों में वो बढ़चढ़ कर हिस्सा भी ले रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल में सांसद निधि से हुए विकास कार्यो का विवरण भी दिया था.
बीजेपी कैंडिडेट हैं यूपी सरकार में कबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी
सत्यदेव पचौरी वर्तमान में गोविन्द नगर विधानसभा से विधायक हैं और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. सत्यदेव पचौरी सन 1972 में बीएसएसडी कॉलेज से छात्रसंघ अध्यक्ष विद्यार्थी परिषद् का चुनाव जीता था. इसके बाद वो जय प्रकाश के आंदोलन में कूद पड़े थे. सत्यदेव पचौरी 1980 में भाजपा यूपी कार्य समिति के सदस्य रहे हैं. 1991 में बीजेपी ने आर्यनगर विधानसभा से पहली बार टिकट दिया था. सत्यदेव पचौरी ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी. इसके बाद सत्यदेव पचौरी 1993 और 1996 में विधानसभा चुनाव हार गए थे.
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने उन्हें 2004 के लोकसभा चुनाव में कानपुर से कैंडिडेट बनाया था. लेकिन वो कांग्रेस श्रीप्रकाश जायसवाल से लगभग 5638 वोटों से हार गए थे. इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में गोविन्द नगर से विधायक बने और 2017 के विधासभा चुनाव में गोविन्द नगर विधानसभा से दोबारा विधायक बने और प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने. सत्यदेव पचौरी और श्रीप्रकाश जायसवाल एक बार फिर से आमने सामने होंगे.
स्थानीय सांसदों की लिस्ट
-1952 में पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हरिहर नाथ शास्त्री सांसद बने थे.
-1957 में एस एम बेनर्जी इंडिपेंडेंट कैंडिडेट थे और लगातार 1971 तक सांसद रहे.
-1977 में भारतीय लोक दल के मनोहर लाल सांसद बने थे.
-1980 में कांग्रेस के आरिफ मोहम्मद खान सांसद बने थे.
-1984 में कांग्रेस के नरेश चन्द्र चतुर्वेदी सांसद बने.
-1989 में कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ़ इण्डिया की सुभाष्नी अली सांसद बनी.
-1991 में बीजेपी के जगतवीर सिंह द्रोंण सांसद बने थे ,बीजेपी इस सीट से पहली बार जीत का स्वाद चखा था.
-1996 में बीजेपी ने दोबारा इस सीट से जगत वीर सिंह द्रोंण ने जीत हासिल की थी.
-1998 में बीजेपी के जगत वीर सिंह द्रोंण ने हैट्रिक मारी थी.
-1999 से लेकर 2009 तक कानपुर से सांसद रहे.
-2014 में मोदी लहर में डॉ मुरली मनोहर जोशी सांसद सांसद बने थे. उनकी गिनती आज भी बाहरी प्रत्याशियों में होती थी.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, चुनाव 2024 और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
बिहार
टेलीविजन
शिक्षा
Advertisement
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion