नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो जगहों से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. वह अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इस संबंध में कांग्रेस पार्टी की घोषणा के तुरंत बाद वामपंथी दलों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई. केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कांग्रेस के इस फैसले को लेफ्ट के खिलाफ लड़ाई बताया.


केरल के सीएम ने कहा, "राहुल गांधी का चुनाव लड़ने के लिए केरल की सीट का चुनाव करना कांग्रेस पार्टी की लेफ्ट पार्टी के खिलाफ लड़ाई है. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को वहां से चुनाव लड़ना चाहिए जहां से बीजेपी के उम्मीदवार मैदान में हैं.

सीपीएम नेता प्रकाश करात ने भी कांग्रेस पार्टी के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी की उम्मीदवारी के एलान का मतलब वामपंथ को निशाना बनाना है. वायनाड में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के उम्मीदवार उनका मुकाबला करेंगे और हराएंगे."

यह पहली बार नहीं है कि जब कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता दक्षिण के राज्यों से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले साल 1999 के चुनाव में उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कर्नाटक के बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने बीजेपी नेता सुषमा स्वराज को यहां से हराया था. कर्नाटक के ही चिकमंगलूर लोकसभा सीट पर 1978 के लोकसभा उपचुनाव में इंदिरा गांधी ने जीत दर्ज की थी.

केरल के सभी सीटों पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को चुनाव है. ऐसे में राहुल गांधी की पहली चुनावी परीक्षा अमेठी से पहले केरल में होगी. अमेठी में 6 मई को चुनाव है. इस बार लोकसभा का चुनाव सात चरणों में हो रहा है. यह 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई तक चलेगा. मतों की गिनती 23 मई को होगी.

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