नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है. इसका साफ मतलब है कि राजनैतिक दलों को अब कई नियमों का पालन करना होगा. इस दौरान चुनाव आयोग के हर फैसले को राजनीतिक दलों को सख्ती के साथ पालन करना होगा. निर्देशों का पालन न होने पर चुनाव आयोग को यह अधिकार होगा कि वह कार्रवाई करे. आइए आज जानते हैं कि आखिर यह आचार संहिता क्या होती है. इसके लागू होने के बाद पॉलिटिकल पार्टियों पर क्या-क्या निर्देश प्रभावी हो जाते हैं.
क्या होती है आचार संहिता
आचार संहिता एक नियमावली होती है. दरअसल चुनाव की तारीक के एलान के साथ ही राजनेताओं को गाइडलाइन जारी किए जाते हैं कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है. इन नियमों का पालन चुनावी उम्मीदवारों को ना सिर्फ अपने भाषणों में करना होता है बल्कि सभी प्रकार के चुनावी प्रचार और यहां तक कि उनके घोषणापत्रों में भी करना होता है. संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष और निर्विवाद चुनाव संपन्न कराना इसका मुख्य मकसद होता है.
1- भ्रष्ट आचरण पर प्रतिबंध- कोई भी उम्मीदवार आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह से वोटर्स को लोभ देकर वोट पाने की कोशिश नहीं कर सकता. कोई भी उम्मीदवार शराब या रिश्वत की बात नहीं कर सकता. वह किसी वोटर को डरा-धमका भी नहीं सकता.
2-धार्मिक या जातिय भावना को नहीं उकसा सकते- कोई भी उम्मीदवार ऐसी कोई बात नहीं कर सकता जिससे धार्मिक या जातिय भावना को उकसाने वाला माना जाए. साथ ही किसी के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल भी नहीं कर सकता. कोई भी कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है.
3- सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता- सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. आचार संहिता लगने के बाद सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं.
4- मिटिंग को लेकर नियम- मीटिंग पार्टियों को अगर कोई बैठक या सभा करनी होगी तो उन्हें उस इलाके के स्थानीय पुलिस को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी ताकि वे सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम कर सकें.
5- पोलिंग बूथ - केवल मतदाता जिनके पास चुनाव आयोग के द्वारा मान्य पास होगा वे ही पोलिंग बूथ के अंदर जा सकते हैं.
6-निरीक्षक- चुनाव आयोग हर पोलिंग बूथ के बाहर एक निरीक्षक तैनात करेगा ताकि अगर आचार संहिता का कोई उल्लंघन कर रहा है तो उसकी शिकायत उनके पास की जा सके.
Lok Sabha Election 2019: नहीं बना वोटर आईडी कार्ड तो जानिए कैसे बनेगा
सर्वे: यूपी में NDA पर भारी पड़ सकता है बुआ-बबुआ का महागठबंधन, जानें किसको मिलेंगी कितनी सीटें
ABP News का सर्वे: पूर्वोत्तर के राज्यों में एनडीए और यूपीए में बराबरी का मुकाबला
यह भी देखें