'19 के खिलाड़ी': अगर बीजेपी की आई कम सीटें तो क्या नितिन गडकरी होंगे प्रधानमंत्री मोदी का 'विकल्प'
अगर साल 2019 के चुनाव नतीजों के बाद स्थिति ऐसी बनती है कि सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों पर बीजेपी को निर्भर रहना पड़े तो हो सकता है कि नितिन गडकरी के नाम पर बतौर प्रधानमंत्री मुहर लग जाए.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पार्टी के बड़े नामों में शुमार हैं. उनके कद का अंदजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी में उन्हें पीएम मोदी के बराबर का नेता माना जाता है. साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि अगर पीएम मोदी के बाद कोई प्रधानमंत्री का दूसरा विकल्प है तो उन नामों में सबसे आगे नितिन गडकरी का नाम आता है.
हाल में ही तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में जब बीजेपी की करारी शिकस्त हुई थी तब नितिन गडकरी ने कहा था, ''अगर कोई जीत का श्रेय लेता है तो उसको हार की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए.'' उनके इस बयान के बाद से ही चर्चा होने लगी कि क्या गडकरी खुद को साल 2019 के चुनावों के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर देख रहे हैं. दरअसल नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही RSS से निकलकर आए हैं और राजनीति मेें इन बड़े पदों पर पहुंचे हैं.
अगर साल 2019 के चुनाव नतीजों के बाद स्थिति ऐसी बनती है कि सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों पर बीजेपी को निर्भर रहना पड़े तो संघ हो सकता है कि नितिन गडकरी के नाम पर मुहर लगाए. अब गडकरी साल 2019 के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं ये तो 23 मई को आने वाले नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा. फिलहाल साल 2019 के 19 बड़े खिलाड़ियों में आइए आज जानते हैं केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बारे में सबकुछ
नितिन गडकरी 27 मई 1957 को हुआ है. उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून और बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है.
गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. इसके बाद 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.
नितिन गडकरी महाराष्ट्र सरकार में 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र सरकार पीडब्लूडी में मंत्री के पद पर रहे. नितिन गडकरी महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे. वह साल 2009 तक समहाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रहे. इसके बाद वह साल 2009 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले सबसे युवा नेता थे.
हालांकि उनके अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी लगातार 2009 और 2013 में दो लोकसभा चुनाव हार गई. गडकरी ने 2014 का लोकसभा चुनाव नागपुर सीट से सफलतापूर्वक लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार को 285,000 वोटो के अंतर से हराया. गडकरी को मई 2014 में मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनाया गया.
नितिन गडकरी कभी अपना भविष्य एक राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं देखते थे. वह एक व्यवसायी हैं और उसमें उनकी बहुत अच्छी पकड़ है. गडकरी एक अच्छे कृषक भी हैं.
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