नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर जारी है. प्रत्याशी चुनाव आयोग के समक्ष अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल वी. के. सिंह, और अभिनेत्री से नेता बनी हेमा मालिनी ने भी सेमवार को अपना नामांकन दाखिल किया.
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, हरीश रावत और जीतन राम मांझी सहित कई राजनीतिक दिग्गजों ने 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को पर्चा दाखिल किया.
नामांकन दाखिल करते समय चुनाव आयोग को इन नेताओं के अपनी कुल संपत्ति का भी ब्यौरा दिया. ऐसे में आइए जानते हैं कि केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, जनरल वीके सिंह और हेमा मालिनी के कुल संपत्ति में पिछले पांच सालों के दौरान कितना इजाफा हुआ है या इनके कुल संपत्ति में कितनी कमी आई है.
केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख वोटों से हराया था.
गडकरी ने सोमवार को अपने नामांकन के साथ जो हलफनामा दायर किया उससे पता चला है कि उनकी पत्नी कंचन गडकरी की संपत्ति नितिन गडकरी से पिछले पांच वर्षों में कई गुना अधिक हुई हैं.
नागपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी गडकरी ने साल 2017-18 में अपनी वार्षिक आय 6.4 लाख रुपये घोषित की है. जबकि 2014 के चुनावों से पहले दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार उनकी सालाना संपत्ति (2012-13) 2 लाख रुपये थी.
बता दें कि चुनाव आयोग के एक नए नियम के अनुसार उम्मीदवारों को अब स्वयं के साथ-साथ पिछले पांच वर्षों में उनके जीवनसाथी/बेटा-बेटी की आय की घोषणा भी करनी होती है. नितिन गडकरी की पत्नी कंचन की सालाना इनकम 2017-18 के वित्तीय वर्ष में रु 39.4 लाख है जो कि 2012-13 में 8.3 लाख रुपये थी.
गडकरी के परिवार के पास दो खेत हैं. एक कंचन के स्वामित्व में जबकि दूसरा संयुक्त परिवार की संपत्ति के रूप में है. 2014 के हलफनामे के अनुसार, कंचन का पेशा कृषि होने के साथ-साथ एक व्यवसायी के तौर पर भी है. पिछले पांच वर्षों में गडकरी के बैंक खातों में जमा राशि 2014 के मुकाबले आधी हो गई है जबकि दूसरी ओर, कंचन की जमा राशियों में लगभग सात गुना वृद्धि हुई है.
2014 में कंचन की जमा राशि 6 लाख से बढ़कर 2018 में लगभग 11 लाख हो गई है. गडकरी के हलफनामे से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में कंचन के नाम से लगभग 7.4 लाख रुपये समृद्धि सहकारी बैंक लिमिटेड में जमा किए गए हैं.
2014 में, गडकरी का निवेश 14.8 लाख था जबकि उनकी पत्नी का निवेश 2.8 लाख रुपये थी. इसके अलावा उनकी बेटी केतकी के नाम से 11 लाख रुपये का निवेश किया गया था. वहीं अब 2019 की बात करें तो गडकरी के निवेश में लगभग 4 गुना कमी आई है जबकि उनकी पत्नी के निवेश में 4 गुना वृद्धि हुई है. नवीनतम हलफनामे में केतकी के नाम पर कोई निवेश नहीं है. 2014 में नितिन गडकरी के दस कंपनियों में शेयर थे लेकिन अब यह संख्या घटकर दो हो गई है.
वीके सिंह
गाजियाबाद से सासंद जनरल वीके सिंह (retd) ने अपने नामांकन पत्र में 1.4 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति घोषित की है. 2014 में उन्होंने 74.06 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी. इस बार उनकी संपतंति लगभग दोगुनी है. सिंह की संपत्ति उनके वर्तमान हलफनामे के अनुसार 50,000 रुपये नकद और बाकी उनके बैंक खातों में जमा है. उनकी पत्नी की चल संपत्ति भी 2014 में 29.50 लाख रुपये से बढ़कर 2019 में 83.05 लाख रुपये हो गई है. जबकि उनकी अचल संपत्ति 2014 में 1.4 करोड़ रुपये थी जो कि अब 1.97 करोड़ रुपये हो गई है. वीके सिंह के पास एक इनोवा कार और 20 ग्राम गोल्ड है, जबकि उनकी पत्नी के पास 500 ग्राम सोने के आभूषण हैं.
हेमा मालिनी
सांसद हेमा मालिनी ने करीब 249 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. इसमें उनके पास करीब 114 करोड़ रुपये और पति धर्मेंद्र के पास 135 करोड़ रुपये की संपत्ति है. 2014 में हेमा ने करीब 178 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी. इसमें उनके पति धर्मेंद्र की भी संपत्ति शामिल थी. तब हेमा ने कुल 57 करोड़ 99 लाख 34 हजार 440 रुपये की संपत्ति बताई थी. वहीं धर्मेंद्र के पास कुल एक अरब छह करोड़ 55 लाख 25 हजार रुपये की संपत्ति थी. पांच वर्षों में हेमा के पास करीब 72 करोड़ रुपये की संपत्ति बढ़ गई है.
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