नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भागीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी को झटका देते हुए अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. राजभर आज 25 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी करेंगे. हालांकि राजभर मंत्री पद से इस्तीफ़ा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि इस्तीफ़ा देने के लिए कल दोपहर को सीएम से समय मांगा था लेकिन कल उन्हें समय नहीं दिया गया. अब वो छठे और सातवें चरण के चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी उतारेंगे और मंत्री पद पर भी बने रहेंगे.बता दें कि काफी समय से इस बात की चर्चा चल रही थी.


थोड़े वक्त पहले ही राजभर ने कहा था, "मैं बीजेपी का नेता नहीं. हमारी अलग पार्टी है. पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने हमें अपने साथ लिया. हम किसी की कृपा से नहीं, लड़ाई लड़कर मंत्री बने हैं. इसलिए सच बोलते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से जनता हितों के लिए मेरी वैचारिक लड़ाई है."


ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी. सुहेलदेव भारतीय समता पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ने कहा था, "जब चुनाव नजदीक आता है तो बीजेपी को सहयोगी दल याद आते हैं. इस बार बिल्ली मट्ठा भी फूंककर पीएगी."


बता दें कि राजभर ने उन्होंने साफ किया था कि उनकी मांग को अनसुना किया गया तो नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा था कि पहले उनकी पार्टी पूर्वांचल के 32 सीटों पर प्रभावी थी लेकिन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित पूरे प्रदेश की 80 सीटों पर पार्टी की हैसियत बढ़ी है, क्योंकि वह सरकार में रहते हुए जनता की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया है.


प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक हैं.


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