नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे. पिछली बार पीएम मोदी ने वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा था. वाराणसी में इस बार उनकी टक्कर एसपी-बीएसपी गठबंधन के शालिनी यादव और कांग्रेस के अजय राय पर अपना भरोसा जताया है. पहले खबर यह थी कि वाराणसी के रण में कांग्रेस प्रियंका गांधी को पीएम मोदी के खिलाफ उतार सकती है, लेकिन गुरुवार को कांग्रेस ने अजय राय के नाम का एलान कर दिया. आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हुए दोनों प्रत्याशी कौन हैं.


कौन हैं शालिनी यादव


शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं.शालिनी यादव 22 अप्रैल को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं. शालिनी यादव ने कहा कि वे अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुई है. शालिनी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से अंग्रेजी में ग्रैजुएट हैं और उनके पास फैशन डिजाइनिंग में भी डिग्री है. शालिनी यादव इससे पहले 2017 के वाराणसी के मेयर चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं. हालांकि वह चुनाव हार गई थी. शालिनी यादव के ससुर श्‍यामलाल यादव ने 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और वि‍जयी रहे थे.


कौन हैं अजय राय


19 अक्टूबर 1969 को वाराणसी में जन्में अजय राय लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. वर्ष 1996 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद से वे 2007 तक विधायक रहे. इसके बाद बीजेपी आलाकमान से मतभेद के चलते उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. वर्ष 2009 में उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सांसदी का चुनाव लड़ा और हार गए थे. इसके बाद यहां भी ज्यादा दिन नहीं रहे और निर्दलीय ही पिंडरा से उप-चुनाव जीतकर विधायक बने. बाद में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. अजय राय के बारे में कहा जाता है कि वे वह अपने बल पर चुनाव जीतते हैं और पार्टी को इसका लाभ होता है. लेकिन पिछले कुछ चुनावों में वे लगातार हार का सामना करते आए हैं. पूर्वांचल के भूमिहार समाज में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. शायद यही सोचकर कांग्रेस ने उन पर एक बार फिर भरोसा जताया है.


वाराणसी का जातिगत गणित


वाराणसी लोकसभा में करीब 18 लाख वोटर हैं. जिनमें जाति के हिसाब से अगर देखें तो लगभग 2 लाख कुर्मी, 1 लाख यादव, 2.5 लाख मुस्लिम, 70 हजार राजपूत, 2 लाख बनिया वोटर हैं. इसके अलावे करीब 1.5 लाख भूमिहार और 2 लाख ब्राह्मण वोटर हैं. सबसे ज्यादा वोटरों की बात करें तो यहां कुर्मी समाज के काफी वोटर वाराणसी लोकसभा में हैं. खासकर रोहनिया और सेवापुरी क्षेत्र में ये संख्या ज्यादा है. इस सीट पर वैश्य, यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या यहां निर्णायक भूमिका में होती है.


साल 2014 में वाराणसी में किस पार्टी को मिले कितने वोट


पिछले चुनाव की अगर बात करें तो बीजेपी को कुल वोट का करीब 56.37 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं आप को 20.30 प्रतिशत. कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय 7.34 प्रतिशत वोट पाने में कामयाब हुए तो वहीं बीएसपी 5.88 जबकि एसपी को 4.39 प्रतिशत वोट मिले थे.


कब है वाराणसी में चुनाव

बता दें कि वाराणसी में सातवें और अंतिम चरण में मतदान है. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.


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