सहारनपुर: देवबंद में गठबंधन की सभा में नौजवानों ने चंद्रशेखर आज़ाद ज़िंदाबाद के नारे लगाए. मंच से एसपी-बीएसपी ज़िंदाबाद के नारे लगते रहे, लेकिन मंच के ठीक सामने आज़ाद के फ़ोटो लहराते रहे. लोगों ने भीम आर्मी के समर्थन में नारे लगाए. सैकड़ों की संख्या में भीम आर्मी की टोपी पहन कर लोग पहुंचे थे. जब ये सब हो रहा था मायावती और अखिलेश यादव मंच पर नहीं पहुंचे थे. लेकिन उस वक्त आरएलडी चीफ अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी मंच पर थे. सहारनपुर के देवबंद से ही एसपी, बीएसपी और आरएलडी के गठबंधन ने चुनावी अभियान की शुरूआत की है.


ऐसा पहली बार हुआ कि मायावती की सभा में लोगों ने चंद्रशेखर ज़िंदाबाद के नारे लगाए. उस चंद्रशेखर की फ़ोटो सभा में पहुंच गई, जिसे मायावती कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक का एजेंट कह चुकी हैं. बहन जी को चंद्रशेखर आज़ाद की शक्ल तक से नफ़रत है. खास तौर से जब से आज़ाद की मुलाक़ात प्रियंका गांधी से हुई है. आपको बता दें कि जब वे पुलिस लाठी चार्ज के बाद अस्पताल में थे तब प्रियंका गांधी ने मेरठ जाकर उनसे भेंट की थी. इस मुलाक़ात के बाद मायावती ने अखिलेश यादव को अपने घर पर बुलाया था. प्रेस रिलीज़ जारी कर बीएसपी सुप्रीमो ने आज़ाद को दलित विरोधी बताया था. प्रियंका से मुलाक़ात के बाद से ही आज़ाद वाराणसी से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं. इसी चक्कर में वे वाराणसी भी पहुंच गए थे.


पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में भीम आर्मी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. ख़ास तौर से नौजवानों में. नई पीढ़ी के दलित भीम आर्मी के चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद को अपना हीरो मानते हैं. इन इलाक़ों में पिछले कुछ सालों में ठाकुरों और दलितों में कई बार जातीय संघर्ष हुए हैं. जिसके बाद से चंद्र शेखर की लोकप्रियता बढ़ गई है. दलितों के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी. उन पर कई मुक़दमे दर्ज हुए. महीनों जेल में रहना पड़ा. उन पर एनएसए तक लगा. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी. सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय संघर्ष और तेज़ हो गई. बीएसपी की मुखिया मायावती ने हिंसा प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया था. देश भर के लोगों ने पहली बार चंद्र शेखर आज़ाद और उनकी भीम आर्मी को जाना. दलितों पर उत्पीड़न को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठने लगे. फिर सहारनपुर के डीएम और एसएसपी को निलंबित कर दिया गया. लेकिन चंद्रशेखर युवा दलितों के हीरो बन गए.


मायावती ने कभी भी चंद्रशेखर आज़ाद को पसंद नहीं किया. लेकिन आज़ाद ने कभी उनके ख़िलाफ़ एक शब्द नहीं बोला है. आज सहारनपुर की सभा में पहुंचे आज़ाद समर्थकों ने बहिन जी के ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोला. भीम आर्मी के समर्थक दानिश ने कहा कि हम ये बताने और दिखाने आए हैं कि हम सब मायावती जी के साथ हैं. हमें यही समझा कर चंद्रशेखर ने भेजा है. मायावती बख़ूबी जानती हैं कि नई पीढ़ी के दलितों की चाहत और उनके सपने कुछ और हैं. इसीलिए अब वे अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी में आगे कर रही हैं. लेकिन बहिन जी की ज़मीन पर खड़े होकर चंद्रशेखर ने घंटी तो बजा दी है.


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