मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि 2014 में बनी सरकार बीजेपी की थी जबकि अगली सरकार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की होगी. बीबीसी न्यूज मराठी द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्होंने 2014 के राजनीतिक हालात में बदलाव का पूर्वानुमान व्यक्त किया था और अब 2019 के राजनीतिक हालात का पूर्वानुमान जाहिर कर रहे हैं. राउत ने कहा कि बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनावों में करीब 210 सीटें मिल सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए को करीब 300 सीटें मिलेंगी.


बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना के नेता राउत ने कहा कि अभी बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं दिख रहा, लेकिन यदि बीजेपी को 200 से कम सीटें मिलती हैं तो अगले प्रधानमंत्री का नाम तय करने में एनडीए के घटक दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं जो 1984 के लोकसभा चुनावों के बाद किसी पार्टी को मिली सबसे ज्यादा सीटें हैं.


राउत ने कहा, ''करीब साढ़े तीन साल पहले मैंने कहा था कि 2014 में देश के हालात और 2019 की स्थिति के बीच बड़ा फर्क है. साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी थी. साल 2019 में यह (सरकार) एनडीए की होगी.’’ उन्होंने संकेत दिए कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद राजनीतिक विमर्श बदल गया है. लोग केंद्र में स्थिर सरकार चाहते हैं.


राउत से जब पूछा गया कि बीजेपी और शिवसेना ने पिछले चार साल से चल रही जुबानी जंग को भुलाकर गठबंधन जारी रखने का फैसला क्यों किया, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रहित में गठबंधन किया गया.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या आपको लगता है कि मोदी ने हालिया दिनों में अपना आक्रामक अंदाज छोड़ा है, इस पर उन्होंने कहा कि सभी को विनम्र रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आपको लोगों के सामने झुकना पड़ेगा. कोई उनका आका नहीं हो सकता। न तो नेहरू, न तो अंग्रेज और न ही मुगल ऐसे बन सके। आपको विनम्र बनना होगा.’’


राउत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल करार का मुद्दा आक्रामक तरीके से उठाया था, लेकिन पुलवामा हमले के बाद यह मुद्दा पीछे चला गया. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.


बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर राउत ने कहा, ‘‘यह मुद्दे अहम हैं, लेकिन अब इन्हें नई लोकसभा में उठाया जाएगा. हम इन मुद्दों को छोड़ने वाले नहीं हैं.’’ इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न होंगे. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल जबकि अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होगा. नतीजों की घोषणा 23 मई को होगी.
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