नई दिल्ली: अब हर विधानसभा क्षेत्र से 1 की बजाय 5 EVM के नतीजों का VVPAT की पर्चियों से मिलान होगा. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को ज़्यादा विश्वसनीय बनाने के लिए ये आदेश दिया है. कोर्ट ने जिस याचिका पर ये आदेश दिया है, वो 21 विपक्षी पार्टियों ने दाखिल की थी. इन पार्टियों ने हर सीट से 50 फीसदी EVM मशीनों के VVPAT से मिलान की मांग की थी. कोर्ट ने इसे अव्यवहारिक माना है.


चुनाव आयोग की दलील
कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम और तेलगु देशम समेत कुल 21 पार्टियों ने मांग की थी कि कोर्ट चुनाव में इस्तेमाल हुई EVM मशीनों की आधी संख्या का मिलान VVPAT से निकली पर्चियों से करवाए. ऐसा करना चुनाव को भरोसेमंद बनाने के लिए ज़रूरी है. इस मांग को गैरज़रूरी और अव्यवहारिक बताते हुए चुनाव आयोग ने दलील दी :-

* भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने पूरे देश में 479 EVM के VVPAT से मिलान को पर्याप्त बताया है. हम 4,125 मशीनों का मिलान करते हैं. ये 8 गुना से भी ज़्यादा है

* अभी हर विधानसभा से 1 EVM के VVPAT से मिलान की प्रक्रिया पूरी तरह सही पाई गई है. याचिकाकर्ता इसमें कोई कमी नहीं बता पा रहे हैं. सिर्फ अपनी धारणाओं के आधार पर याचिका दाखिल की है

* 50 फीसदी मिलान के चलते जगह और स्टाफ की दिक्कत आएगी. VVPAT पर्चियों को गिनने के लिए मतगणना केंद्र में अलग जगह होती है. ज़्यादा गिनती के लिए अलग से बड़ी जगह और ज़्यादा कर्मचारियों का इंतज़ाम मुश्किल होगा

* VVPAT पर्चियों की गिनती मानवीय तरीके से होती है. EVM से मिलान को जितना बढ़ाया जाएगा, उसी हिसाब से पर्चियों की गिनती बढ़ेगी. ज्यादा गिनती में गलती की संभावना ज्यादा होगी. इससे जटिलता बढ़ेगी.

कोर्ट का आदेश
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इन सभी दलीलों को आदेश में दर्ज किया और इन पर सहमति भी जताई. कोर्ट ने कहा- "याचिका में जो मांग की गई है, उससे मौजूदा मिलान प्रक्रिया 125 गुणा बढ़ जाएगी. ये पूरी तरह अव्यवहारिक होगा. लेकिन फिर भी हम इस दलील से सहमत हैं कि चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा विश्वसनीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसलिए ये आदेश देते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र से 5 EVM मशीनों का VVPAT की पर्चियों से मिलान करवाया जाए."

कोर्ट ने ये भी कहा है कि उम्मीदवारों की मौजूदगी में लॉटरी के ज़रिए मिलान के लिए हर विधानसभा से एक EVM के चयन की मौजूदा प्रक्रिया विश्वसनीय है. 5 EVM के चयन के लिए भी इसी का इस्तेमाल होना चाहिए. कोर्ट ने माना है कि एक क्षेत्र से 5 मशीनों के मिलान से याचिकाकर्ता विपक्षी पार्टियों को संतोष होगा. लेकिन इससे समय, कर्मचारी और जगह को लेकर बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी.

क्या असर होगा
इस फैसले का पहला असर लोकसभा चुनाव की मतगणना पर होगा. अगर एक लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं, तो अब तक 5 EVM का VVPAT पर्चियों से मिलान हो रहा था. अब ये संख्या 25 हो जाएगी. हालांकि, जानकारों का मानना है कि इससे नतीजों की घोषणा में कोई खास देरी नहीं होगी.

 


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