नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान की कवायद पूरी होने और नतीजों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी के बीच संसद भवन में नए सांसदों की अगवानी के इंतजाम हो रहे हैं. चुनावी नतीजों की उल्टी गिनती के साथ ही लोकसभा सचिवालय ने 17वीं लोकसभा के नए माननीयों के लिए कई नए और खास इंतजाम किए हैं. उनके स्वागत सत्कार से लेकर सहूलियतों और जानकारियों से लेकर पहचानपत्र मुहैया कराने की सुगम व्यवस्था की गई है.


सांसदों के ठहरने और शपथ लेने की इंतजाम किए गए


लोकसभा सचिवालय अधिकारियों के मुताबिक चुनाव नतीजों के बाद नए सांसदों के दिल्ली पहुंचने से लेकर उनके ठहरने और शपथ तक उनकी सुविधा का ध्यान रखते हुए इंतजाम किए गए हैं. इस कड़ी में नए सांसदों की आमद के लिए जहां राजधानी दिल्ली के नई दिल्ली, हज़रत निजामुददीन, आनद विहार समेत सभी करीब रेलवे स्टेशनों, इंदिरा गांधी एअरपोर्ट पर 23 मई से ही एक स्वागत कक्ष काम करने लगेगा.


संसद भवन के कमरे नम्बर 62 में सांसदों के लिए एकीकृत सुविधा केंद्र बनाया गया है जहां उन्हें एक ही जगह पर पहचान-पत्र से लेकर सूचना किट तक सबकुछ एक स्थान पर उपलब्ध कराने का प्रयास होगा. इसके अलावा संसद में सांसदों की सुविधा के लिए सूचना केंद्र 23 मई को जहां सुबह 6 से रात 11 बजे तक काम करेगा. वहीं 24-28 मई यह सूचना केंद्र चौबीसों घंटे काम करेगा. ताकि निर्वाचन के बाद दिल्ली पहुंचने वाले सांसदों को हर संभव मदद की जा सके.


लोकसभा सचिवालय ने खरीदा 25 नए वाहनों का बेड़ा 


सांसदों परिवहन ज़रूरतों के लिए लोकसभा सचिवालय ने 25 नए वाहनों का बेड़ा भी खरीदा है. इसमें 10 इलेक्ट्रिक कार हैं जो न केवल आरामदायक हैं बल्कि सामान्य वाहनों की तुलना में प्रदूषण मुक्त भी हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बीते कुछ समय से लगातार यह प्रयास हो रहा है कि संसद भवन में परिवन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढाया जाए.


सांसदों के दिल्ली में ठहरने के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं. पुरानी परिपाटी को बदलते हुए इस बार नए सांसदों को अशोका होटल के बजाए बीते दिनों नवीनीकृत किए गए वेस्टर्न कोर्ट और राजधानी दिल्ली स्थित राज्य सरकारों के भवनों में रुकवाया जाएगा. इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने 100 कमरे नई सुविधाओं से लैस हुए ऐतिहासिक वेस्टर्न कोर्ट और करीब 200 कमरे विभिन्न राज्यों के भवनों में बुक किए है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फिलहाल माना जा रहा है कि इस बार करीब 300 नए सांसद लोकसभा पहुंच सकते हैं. हालांकि जरूरत हुए तो अधिक कमरों की भी व्यवस्था की जाएगी.नए सांसदों के लिए वेस्टर्न कोर्ट अतिथिगृह में एक अस्थाई मेडिकल सेंटर स्थापित करने के भी निर्देश दे दिए हए हैं. साथ ही उनकी भोजन ज़रूरतों के लिए कैंटीन सुविधा भी उपलब्ध होगी.


सभी दस्तावेज इस बार एक पैनड्राइव में दिए जाएंगे


निर्वाचित उम्मीदवारों के लिए पहली बार ज़रूरी फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए हैं. ताकि सांसदों के दिल्ली पहुंचने तक वो सभी जरूरी जानकारियां और सूचनाएं जुटाई जा सकें जिनसे उन्हें सहायता देने आसान हो. यहां तक कि सांसदों से उनके शपथ की भाषा पसंद के बार में भी जानकारी भी पहले ही ले ली जाएगी. संसद के कामकाज को पेपरलैस बनाने की कवायद में विजेता उम्मीदवारों को 'सांसद किट' की शक्ल में दिए जाने वाले सभी दस्तावेज इस बार एक पैनड्राइव में देने का भी फैसला किया गया है. हालांकि, नए सांसदों की ज़रूरत और सहूलियत के लिए पैन ड्राइव के अलावा कागजी दस्तावेज भी किट में मुहैया कराए जाएंगे.


तीन दशक तक सांसद रही सुमित्रा महाजन खुद तो इस बार चुनाव नहीं ल़ड़ रहीं मगर बीते दिनों उन्होंने कोकसभ सचिवालय की सभी सम्बंधित समितियों की बैठक कर नए 17वीं लोकसभा में चुनकर आने वाले सांसदों के लिए न केवल ज़रूरी हिदायतें दी बल्कि बीच बीच में उनकी निगरानी भी करती रही. इंतजामों की समीक्षा के लिए गत 3 मई को हुई बैठक में मौजूद रहे एक अधिकारी के मुताबिक संसद सचिवालय के अफसरों से निर्वाचन के बाद खुद ही सांसद बनने जा रहे विजेता उम्मीदवारों से संपर्क करने को कहा गया है.


पूरे सत्कार भावना से किया जाएगा रेलवे स्टेशन-एयरपोर्ट पर सांसदों का स्वागत


साथ ही निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन और एअरपोर्ट पर सांसदों की अगवानी पूरी सत्कार भावना से की जाए. स्वागत-सहायता केन्द्र पर उन्हें कम से कम चाय-शर्बत जैसे रिफ्रेशमेंट की पेशकश भी की जाए. ताकि पहली बार सांसद बनकर दिल्ली पहुंच रहे व्यक्ति को अच्छा लगे. साथ ही संसद भवन पहुंचने पर भी नव निर्वाचित सांसदों के पंजीकरण संबंधी सभी कागजी कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रखा जाए कि उन्हें न अधिक इंतजार करना पड़े औऱ न परेशानी का सामना.


महत्वपूर्ण है कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद सभी विजेता उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी एक प्रमाण-पत्र जारी करता है. सभी सांसदों को दिल्ली पहुंचने पर निर्वाचन अधिकारी का यह पत्र लोकसभा सचिवालय को देना होता है. इस पत्र के आधार पर ही बतौर सांसद उनका नाम दर्ज किया जाता है और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं.


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