भोपाल: कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ‘हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में ही नहीं है.’ हालांकि बाद में अपने इस बयान पर सफाई देते हुए दिग्विजय ने ट्वीट करके कहा कि मुझे सनातन हिंदू धर्म पर गर्व है. दिग्विजय के खिलाफ बीजेपी ने मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और कट्टर हिन्दूवादी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को खड़ा किया है.
दिग्विजय सिंह ने क्या टवीट किया?
दिग्विजय सिंह ने अपनी सफाई में ट्वीट किया, ‘’मैं हिंदू धर्म को मानता हूं, जो हज़ारों सालों से दुनिया को जीने की राह सिखाता आया है. मैं अपने धर्म को हिंदुत्व के हवाले कभी नहीं करूंगा, जो केवल और केवल राजनीतिक सत्ता पाने के लिए संघ का षड्यन्त्र है. मुझे अपने सनातन हिंदू धर्म पर गर्व है जो वसुदैव क़ुटुम्बकम की बात कहता है.’’
हिन्दू आतंकवाद’ कहने वाले व्यक्ति को बीजेपी ने बनाया केन्द्रीय मंत्री- दिग्विजय सिंह
संघ का हिंदुत्व जोड़ता नहीं, तोड़ता है- दिग्विजय
दिग्विजय ने आगे आरएसएस पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘’संघ का हिंदुत्व जोड़ता नहीं, तोड़ता है. अपने धर्म का राजनीतिक अपहरण मैं कभी नहीं होने दूंगा. हमारे लिए हिंदू धर्म आस्था का विषय है, भगवान से हमारा निजी रिश्ता है.’’
उन्होंने कह, ‘’मेरा हिंदू धर्म मेरी आस्था है. इसीलिए मैंने अपनी नर्मदा परिक्रमा का प्रचार नहीं किया, राघोगढ़ मंदिर की परम्पराओं का कभी प्रचार नहीं किया, दशकों गोवर्धन परिक्रमा और पंढरपुर दर्शन का प्रचार नहीं किया. बीजेपी के लोग कब से मेरे और ईश्वर के बीच आ गए, सर्टिफ़िकेट देने वाले एजेंट बन गए?’’
इससे पहले हिन्दुत्व और हिन्दू आतंकवाद के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में दिग्विजय ने कहा था, ‘‘आप लोग हिन्दुत्व शब्द का उपयोग क्यों करते हैं? हिन्दुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में है ही नहीं.’’
1984 दंगों में कमलनाथ पर कोई मुकदमा नहीं- दिग्विजय
वहीं, प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ साल 1984 में दिल्ली में हुए सिख दंगों में शामिल थे. इस बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘इस दंगे का कमलनाथ पर कोई मुकदमा भी नहीं है, कोई प्राथमिकी नहीं है. कोई गवाह नहीं. कोई सबूत नहीं. और 36 साल हो गये और अब 36 साल बाद कौन सा दंगा, किसने किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिख दंगों का हमें दुख है और इसमें जो दोषी लोग हैं, उन पर कार्रवाई हुई है. लेकिन जहां तक कमलनाथ जी का सवाल है, उनका नाम इसमें घसीटना तो अनुचित है.
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