बेंगलुरु: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की पीठ ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन के निलंबन के आदेश पर रोक लगा दी. ओडिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने पर मोहसिन को निलंबित कर दिया गया था. पर्यवेक्षक के तौर पर ओडिशा में तैनात कर्नाटक कैडर के अधिकारी को एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों से पेश आने के नियमों का उल्लंघन कर ओडिशा के संबलपुर में मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने पर 17 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था. उन्हें वापस उनके राज्य भी भेज दिया गया था.


कैट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को संरक्षण और सुरक्षा के तार्किक आश्वासन उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि वे कुछ भी और सबकुछ करने योग्य हैं. पीठ ने निर्वाचन आयोग और चार अन्य को भी इस मामले में नोटिस जारी कर मामले में अगली सुनवाई छह जून को सुनिश्चित की है.


मोहसिन ने प्रचार अभियान पर आए प्रधानमंत्री के काफिले के कुछ सामान की जांच करने की कोशिश की थी और निर्वाचन आयोग ने कहा कि उन्होंने मौजूदा निर्देशों का उल्लंघन कर कार्रवाई की. अपने आदेश में कैट के सदस्य (न्यायिक) डॉ. के बी सुरेश ने पाया कि एसपीजी सुरक्षा पाए लोगों को लेकर एक परिपत्र है कि कुछ निश्चित आधार पर उन्हें कुछ जांचों से छूट प्राप्त है.


कैट ने याचिकाकर्ता के वकील की याचिका को भी संज्ञान में लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी खबरें थीं कि प्रधानमंत्री के काफिले से भारी सामान उतारा गया और उन्हें दूसरी गाड़ियों में ले जाया जा रहा था. इसमें कहा गया कि सवाल उठाए गए लेकिन संभवत: कोई कार्रवाई नहीं हुई.


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